कौन है बउआ देवी? जिनकी कला की मुरीद हैं नीता अंबानी
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 02:26 PM (IST)

नारी डेस्क: मुंबई में 1 अक्टूबर को नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर में बुलगारी सर्पेंटी इनफिनिटो एग्जीबिशन का इवेंट हुआ, जिसमें बॉलीवुड और बिजनेस की कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई। इस मौके पर नीता अंबानी ने मधुबनी कला की प्रसिद्ध कलाकार पद्मश्री बऊआ देवी की कला को साझा किया। नीता अंबानी कला और संस्कृति में वैश्विक संवादों का जश्न मनाते हुए भारतीय कलाकारों का समर्थन करती रहती हैं।
कौन है बऊआ देवी
नीता अंबानी ने बताया कि उन्होंने मशहूर मधुबनी कलाकार बऊआ देवी के साथ समय बिताया था, जो मिथिला और मधुबनी चित्रकला की प्रमुख हस्तियों में से एक हैं। बऊआ देवी बऊआ देवी भारत की मशहूर मधुबनी (मिथिला) पेंटिंग कलाकार हैं और उन्हें अपनी कला के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। बऊआ देवी का जन्म बिहार के मधुबनी ज़िले के एक गांव में हुआ। बचपन से ही वे मिट्टी की दीवारों पर चित्र बनाती थीं। पढ़ाई का ज़्यादा अवसर नहीं मिला, लेकिन चित्रकला उनका जुनून बन गई।
मधुबनी कला से जुड़ाव
गांव की परंपरा के अनुसार महिलाएँ त्योहारों और शादियों में दीवारों पर चित्र बनाती थीं। बऊआ देवी ने इसी कला को आगे बढ़ाया और धीरे-धीरे कागज़ और कपड़े पर भी चित्रकारी शुरू की। उन्होंने मधुबनी पेंटिंग में सामाजिक विषय भी शामिल किए – जैसे महिला सशक्तिकरण, गरीबी, पर्यावरण। उनकी पेंटिंग्स सिर्फ धार्मिक या पारंपरिक नहीं रहीं, बल्कि उन्होंने इसमें समाज की असलियत भी उतारी। धीरे-धीरे उनके चित्र विदेशों तक पहुंचे और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
सम्मान और उपलब्धियां
बऊआ देवी को उनकी कला और योगदान के लिए पद्मश्री (2017) से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित किया कि ग्रामीण महिलाएँ भी विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना सकती हैं। बऊआ देवी की ज़िंदगी हमें यह सिखाती है कि संघर्ष चाहे जितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर जुनून और मेहनत हो तो सफलता जरूर मिलती है। वे आज भी नई पीढ़ी को मधुबनी कला सिखा रही हैं ताकि यह परंपरा जीवित रहे।