Hormones के कारण क्यों बढ़ जाता है औरतों का वजन? जानिए कारण

punjabkesari.in Friday, Jul 02, 2021 - 02:03 PM (IST)

क्या आप स्वस्थ भोजन और नियमित व्यायाम करने के बावजूद आपका वजन बढ़ रहा है? क्या आपके लिए जिद्दी चर्बी कम करना मुश्किल हो रहा है? यह समय है कि आप अपने हार्मोन्स स्तर की जांच करें। हार्मोनल असंतुलन वजन बढ़ने के प्रमुख कारणों में से एक है। हार्मोन मेटाबॉलिज्म को नियमित करने, प्रजनन स्वास्थ्य और वजन कंट्रोल करने में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं।

तनाव, उम्र, जीन और खराब जीवनशैली हार्मोन्स संतुलन को बिगाड़ देते हैं। ऐसे में हार्मोन्स का स्तर बिगड़ जाता है और सुस्त मेटाबॉलिज्म अपच, बेकाबू भूख और वजन बढ़ाने  लगता है। तो आइए जानें कि कौन से हार्मोन वजन बढ़ाने का कारण बनते हैं।

थायराइड

थायरॉयड ग्रंथि 3 हार्मोन - ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3), थायरोक्सिन (T4), और कैल्सीटोनिन (4) को रिलीज करती है। इससे शरीर का तापमान और मेटाबॉलिज्म सही रहता है। ऐसे में थायराइड हार्मोन में असंतुलन आपके वजन बढ़ने का कारण बन सकता है।

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लेप्टिन

लेप्टिन मुख्य रूप से वसा कोशिकाओं (एडिपोसाइट्स) द्वारा स्रावित होता है, जो ऊर्जा और भूख को नियंत्रित करता है। शोध के अनुसार, प्रोसेस्ड-फास्ट फूड, चीनी-मीठे पेय और बहुत अधिक फ्रुक्टोज खाने से लेप्टिन का स्तर गड़बड़ा जाता है, जो मोटापे का कारण बनता है।

इंसुलिन

अग्न्याशय के बीटा कोशिकाओं द्वारा स्रावित एक पेप्टाइड हार्मोन इंसुलिन, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। भोजन में पोषक तत्वों की कमी, शारीरिक निष्क्रियता और प्रोसेस्ड फूड्स से इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे वजन बढ़ने लगता है।

घ्रेलिन

घ्रेलिन एक ऑरेक्सजेनिक हार्मोन है जो भूख और भोजन के सेवन को उत्तेजित करता है और वसा के जमाव को बढ़ाता है। शोध के अनुसार, सामान्य बीएमआई वाले व्यक्तियों की तुलना में मोटे व्यक्तियों में घ्रेलिन दर कम होती है। इसका कारण घ्रेलिन स्तर में गड़बड़ी हो सकती है।

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एस्ट्रोजन

एस्ट्रोजन के उच्च और निम्न दोनों स्तरों से महिलाओं में वजन बढ़ सकता है। एस्ट्रोजन का उच्च स्तर वसा के जमाव को बढ़ावा देता है जबकि निम्न स्तर से आंत में वसा का संचय होता है।

कोर्टिसोल

कोर्टिसोल एक स्टेरॉयड हार्मोन है जो अधिवृक्क ग्रंथियों द्वारा निर्मित होता है, जिसका कारण अधिक तनाव, उदास, चिंतित, नर्वस, क्रोधित, शारीरिक रूप होना है। इसके अलावा टेस्टोस्टेरोन हार्मोनन्स में वृद्धि भी वजन बढ़ाने का काम करता है।

प्रोजेस्टेरोन

यह हार्मोन शारीरिक कार्यों को बनाए रखने और प्रजनन स्वास्थ्य में मदद करता है। रजोनिवृत्ति, तनाव और गर्भनिरोधक गोलियां लेने से प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर गिर जाता है, जिसके कारण वजन बढ़ सकता है।

मेलाटोनिन

मेलाटोनिन का कम स्तर और खराब नींद और कैलोरी की मात्रा बढ़ाता है, जो वजन और बीएमआई बढ़ने का कारण बन सकता है। इसके अलावा ग्लूकोकार्टिकोइड्स का अधिक स्तर भी वजन बढ़ाता है।

 


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Content Writer

Anjali Rajput

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