गंजेपन से लेकर इंफर्टिलिटी तक का कारगार इलाज, जानिए क्या है PRP Treatment?
punjabkesari.in Thursday, Feb 18, 2021 - 11:41 AM (IST)
लंबे-घने बाल भला किसे नहीं पसंद। मगर, पोषक तत्वों की कमी, हीटिंग टूल्स का इस्तेमाल, प्रदूषण, कैंसर या कीमोथेरेपी जैसे ट्रीटमेंट के कारण बाल झड़ने लगते हैं। कई बार तो बाल इस कद्र झड़ते हैं गंजापन ही लगने लगता है, जिसके कारण शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ता है। हालांकि कुछ लोग इसके लिए मंहगे ट्रीटमेंट या ट्रांसप्लांटेश का सहारा भी लेते हैं। वहीं, गंजेपन को दूर करने के लिए आजकल पीआइपी ट्रीटमेंट (PRP Treatment) का चलन भी खब देखने को मिल रहा है।
सबसे पहले जानिए हेयरफॉल के कारण
दिन में सौ बाल टूटना सामान्य है लेकिन इससे ज्यादा बाल झड़ रहे हैं तो बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं।
. जैनेटिक यानि आनुवांशिक
. बालों को सही केयर ना मिलना
. स्ट्रेसफुल लाइफ
. पॉल्यूशन, धूप और धूल-मिट्टी
. प्रोटीन व कैल्शियम की कमी
. हीटिंग प्रोडक्ट्स का अधिक इस्तेमाल
. गलत खानपान
. अधिक तनाव लेना
क्या है पीआरपी थैरेपी?
PRP यानी प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा। इस ट्रीटमेंट में इंजेक्शन से स्कैल्प पर प्लाज्मा इंजेक्ट किया जाता है, जिससे निकलने वाले ब्लड से गेयरग्रोथ होती है, जिसका असर कम से कम 2 साल या इससे अधिक रहता है। ज्यादातर 20 से 40 साल की उम्र के लोग यह थेरेपी करवाते हैं। सिर्फ बाल ही नहीं यह थेरेपी स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने में भी काफी फायदेमंद है।
कैसे होता है ट्रीटमेंट?
इस ट्रीटमेंट में मरीज के ही शरीर से 10-15 मि.ली खून निकालकर उसमें से प्लाज्मा को अलग किया जाता है। फिर मरीज को मरीज को एनेस्थीसिया देकर को माइक्रो सुई इंजेक्शन से स्कैल्प और बालों की जड़ों में डाला जाता है। इससे स्कैल्प को पोषक तत्व मिलते हैं और बाल बढ़ने लगते हैं। इसमें कई सिटिंग्स की जरूरत होती है और ना ही यह पेनफुल प्रोसेस है।
हेयर ट्रांसप्लांट और PRP ट्रीटमेंट में फर्क
हेयर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया से एक बार में बालों का झड़ना रोका नहीं जा सकता। वहीं इसके लिए कई सिटिंग्स लगानी पड़ती है। हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कई उपयोग करने पड़ते हैं और बालों को झड़ने से रोकने के लिए सप्लीमेंट्स भी दिए जाते हैं जबकि प्लाज्मा थेरेपी में ऐसा कुछ नहीं है।
चलिए अब आफको बताते हैं कि पीआरपी थैरेपी से क्या-क्या फायदे मिलते हैं...
1. इससे ना सिर्फ बालों की ग्रोथ बढ़ती है बल्कि हेयर फॉलिकल भी काफी मजबूत होते हैं। इसमें किसी भी तरह की एलर्जी , इंफेक्शन का डर भी नहीं रहता।
2. इस ट्रीटमेंट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके लिए आपको घंटों बैठना नहीं पड़ेगा क्योंकि यह सिर्फ डेढ़ घंटे में ही हो जाता है।
3. इसके बाद आप जल्दी नॉर्मल रूटीन फॉलो कर सकते हैं। इसके रिजल्ट काफी सेफ है और कोई साइड-इफेक्ट्स भी सामने नहीं आते।
4. इस नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट में किसी तरह का कोई चीरा भी नहीं लगता इसलिए निशान पड़ने की टेंशन भी ना लें।
5. सिर्फ बाल ही नहीं बल्कि यह ट्रीटमेंट स्किन पर ग्लो लाने में काफी असरदार है। यह त्वचा के टेक्सचर और टोन को बेहतर बनाने के साथ झुर्रियां, झाइयां, पिग्मटेंशन और फाइन लाइन्स को दूर करने में भी काफी असरदार है।
बांझपन के इलाज में भी कारगार
बांझपन के इलाज में भी प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा यानि पीआरपी ट्रीटमेंट काफी मददगार है। संक्रमण या हार्मोंस की कमी, या जिन महिलाओं में यूट्रस की लाइनिंग पतली होकर कमजोर हो जाती है और गर्भ नहीं ठहरता या गर्भपात हो जाता है। वह इस थेरेपी के जरिए मां बनने का सुख पा सकती हैं।
बेशक यह ट्रीटमेंट पूरी तरह सुरक्षित है लेकिन फिर भी बिना एक्सपर्ट की सलाह लिए यह PRP ना करवाएं।