जिस शख्स ने विनोद खन्ना को दी थी संयासी बनने की सलाह उसी को एक्टर ने जड़ दिए थे कई थप्पड़
punjabkesari.in Tuesday, Oct 06, 2020 - 03:18 PM (IST)
अपने जमाने के सुपरस्टार विनोद खन्ना आज भी अपनी एक्टिंग की वजह से लोगों के दिलों में जिंदा है। विनोद खन्ना के बेटे अक्षय खन्ना उनकी तरह नाम नहीं कमा पाए। साल 1946 को पाकिस्तान में जन्मे विनोद खन्ना ने अपना करियर विलेन के किरदार से शुरू किया लेकिन बाद में वह हीरो बन गए। विनोद खन्ना अपने वक्त के एेसे हीरो थे जिनकी फिल्म देखकर लोग तालियां बजाए बिना नहीं रह पाते थे। सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले विनोद खन्ना ने अपने करियर में 150 से ज्यादा फिल्में कीं।
करियर के टॉप पर संयासी बन गए विनोद खन्ना
साल 1968 में फिल्म 'मन का मीत' से विनोद खन्ना ने अपना करियर शुरू किया। अपनी पहली फिल्म में उन्होंने विलेन का रोल निभाया था। सुनील दत्त ने विनोद खन्ना को इस फिल्म का ऑफर दिया था। जब यह बात विनोद खन्ना ने घर जाकर अपने पिता को बताई तो वे बहुत गुस्सा हुए। यहां तक कि उनके पिता ने उन पर पिस्तौल भी तान दी और कहा कि यदि तुम फिल्मों में गए तो तुम्हें गोली मार दूंगा। दरअसल, विनोद खन्ना के पिता उन्हें बिजनेसमैन बनाना चाहते थे। विनोद खन्ना ने करियर की चोटी पर आकर रिटायरमेंट ले लिया और आश्रम में जाकर रहने लगे। खबरों के मुताबिक, विनोद खन्ना अपनी मां की मौत के बाद पूरी तरह से टूट गए थे। इसी वक्त उनके दोस्त महेश भट्ट ने उन्हें आध्यात्म की ओर जाने की सलाह देते हुए ओशो रजनीश के बारे में बताया।
महेश भट्ट ने दी थी संयासी बनने की सलाह
एक इंटरव्यू में महेश भट्ट ने इस बात का जिक्र करते हुए कहा था, ज्यादा लोग नहीं जानते लेकिन मैं ही विनोद खन्ना को 'ओशो' रजनीश के पुणे आश्रम ले गया था। मां की मृत्यु से दुखी विनोद को मेरे साथ उस आश्रम में काफी सुकून मिला। हम दोनों संन्यासी बन गए। हम उन दिनों भगवा चोला पहना करते थे। कुछ समय बाद मैं आश्रम से निकल आया लेकिन विनोद वहीं रुक गए। उन्हें ओशो ने वहां रुकने के लिए मना लिया और फिर वह विनोद को अपने साथ अमेरिका ले गए।
खबरों के मुताबिक, वे ओशो के पर्सनल गार्डन के माली भी बने। वहां उन्होंने उनके वाशरूम और बर्तन तक साफ किए थे। एक इंटरव्यू में खुद विनोद खन्ना ने बताया था कि संन्यास का वो फैसला बिल्कुल मेरा अपना था इसलिए वो फैसला मेरे परिवार को बुरा लगा। मुझे भी दोनों बच्चों की परवरिश की चिंता होती थी मगर मैं मन से मजबूर था। अब यह तो नहीं पता कि संन्यास का फैसला विनोद खन्ना की मजबूरी थी या मन की कोई उलझन लेकिन संन्यास के साथ विनोद खन्ना का करियर ठप हो गया। यही नहीं उनका परिवार भी बिखर गया।
विनोद खन्ना ने महेश भट्ट को मारा था थप्पड़
अमेरिका के ओशो आश्रम में रहते हुए ही पत्नी गीतांजलि से अलगाव हुआ। 1985 में उनका तलाक हो गया। तलाक के बाद अपने अकेलेपन से विनोद खन्ना ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया। बाद में फिल्मों में काम मिलने और सफलता मिलने से वह फिर से पुराने वाले विनोद खन्ना बन गए। उन्होंने फिल्म ‘इंसाफ’ से धमाकेदार वापसी की। फिर महेश भट्ट ने विनोद खन्ना को फिल्म जुर्म के लिए साइन किया। महेश भट्ट फिल्म तो बनाना चाहते थे लेकिन वह विनोद खन्ना को पैसे देने में आनाकानी करने लगे थे। महेश भट्ट की यही हरकत विनोद को चुभ गई और उन्होंने शूटिंग टाल दी। इसके बाद मुकेश ने अपने भाई महेश का साथ देते हुए पब्लिक में विनोद के खिलाफ जहर उगला। खबरों की माने तो एक दिन जब स्टूडियो में विनोद और मुकेश का आमना-सामना हुआ तो विनोद ने गुस्से में मुकेश भट्ट को कई थप्पड़ जड़ दिए। इसके बाद दोनों की दोस्ती खत्म हो गई।
बता दें कि 1990 में विनोद खन्ना ने कविता दफ्तरी से दूसरी शादी की। विनोद खन्ना अभिनेता होने के अलावा निर्माता और सक्रिय राजनेता भी थे। 2017 में कैंसर की वजह से एक्टर विनोद खन्ना इस दुनिया को अलविदा कह गए थे