इन गांव वालों को छू भी नहीं पाया डेंगू-मलेरिया, 20 साल से पानी के सहारे भगा रहे मच्छरों को

punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 10:02 AM (IST)

नारी डेस्क: जहां एक तरफ डेंगू और मलेरिया देश में तेजी से पैर पसार रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक के 5 गांवों ने एक अनोखी पहल से मच्छरजनित बीमारियों को जड़ से खत्म कर दिया।  इन गांवों के लोग पिछले 20 सालों से अपने घर के बाहर पानी से भरे बर्तन या टंकी रखते हैं, जिससे उनके घर में मच्छर पनप ही नहीं पाते हैं। अगर यह तरीका पूरा देश अपना ले तो लोग कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। 

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20 सालों से अपना रहे ये तकनीक

 इन गांवों के लोग पिछले 20 सालों से अपने घर के बाहर पानी से भरे बर्तन रखते हैं इसमें एक खास तकनीक अपनाते हैं।  वे पानी में मच्छर के लार्वा खाने वाली मछलियां (जैसे गप्पी या गैंबूसिया) छोड़ देते हैं। ये छोटी मछलियां पानी में पनप रहे मच्छरों के अंडे और लार्वा (अधपके मच्छर) को खा जाती हैं। ये मछलियां प्राकृतिक तरीके से मच्छरों की संख्या को नियंत्रित करती हैं और डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा कम कर देती हैं।


मछलियाें ने गांव वालों को रखा डेंगू मलेरिया से दूर

इस तरह की मछलियां पानी में साफ-सफाई बनाए रखने और मच्छर के लार्वा खत्म करने में मददगार है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक तरीका है, इसमें कोई केमिकल या दवा की जरूरत नहीं पड़ती। इससे मच्छरों का तो प्रजनन रुकता ही है, साथ ही बच्चों और पालतू जानवरों के लिए भी सुरक्षित है । इन मछलियों के कारण गांव वालों को 20 साल से  डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां छू भी नहीं पाई हैं। 

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ये है बर्तन रखने की तकनीक 

गांव का हर घर हफ्ते के 4 से 5 दिन ऐसा करता है। इससे जंगल के पास होने के बाद भी मच्छरों की संख्या ज्यादा नहीं होती। अब धीरे- धीरे बाकी गांव वाले भी इस तकनीक को अपना रहे हैं। कई घरों ने अपने आसपास साफ पानी के बर्तन रखने शुरू कर दिए हैं।  स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कहना है कि इसे प्रदेश भर के गांवों, कस्बों और शहरों में अपनाया जाए।  इन बर्तनों की गहराई कम से कम 8 इंच होती है। हर तीसरे दिन इस पानी को धूप में फेंक देते हैं और इन बर्तनों में दोबारा साफ पानी भर देते हैं। 


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vasudha

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