अजीब बीमारी की शिकार हैं विद्या, धूल-मिट्टी देखते ही हो जाती है परेशान
punjabkesari.in Wednesday, Jan 01, 2020 - 05:07 PM (IST)
बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन आज अपना 41 वां जन्मदिन मना रही हैं। विद्या, उन हीरोइनों में से एक हैं, जो बिनी किसी एक्टर अपनी दमदार एक्टिंग से फिल्में हिट करवा देती हैं लेकिन आज हम उनकी फिल्में नहीं बल्कि बीमारी के बारे में बात करेंगे। पर्दे पर अलग-अलग तरह की भूमिकाएं निभाने वाली विद्या को सफाई बेहद पसंद है लेकिन उनकी यह आदत एक बीमारी के चलते है।
धूल-मिट्टी नहीं कर पाती बर्दाशत
विद्या को घर में सफाई रखने के बहुत आदत है। अगर इन्हें अपने आस-पास जरा-सी भी धूल-मिट्टी दिख जाए तो वो उसे साफ करने लग जाती हैं। यही नहीं, विद्या घर के अंदर किसी को चप्पल पहनकर भी नहीं आने देती। दरअसल, विद्या ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) से जूझ रही हैं, जिसके चलते उनसे धूल-मिट्टी व गंदगी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होती।
क्या है ऑब्सेसिव कंपलसिव डिसऑर्डर?
OCD एक मानसिक रोग है, जिसके कारण लोगों के दिमाग में हमेशा किसी एक बात का डर व शक बना रहता है। इस डिसऑर्डर के चलते कुछ लोग एक ही काम को बार-बार करने लगते हैं जैसे- हाथ धोना, चीजों को गिनना, किसी चीज को बार-बार चेक करना आदि।
अलग-अलग तरह की होती है ओसीडी
जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति को एक ही तरह की सनक हो बल्कि यह हर व्यक्ति में अलग-अलग होती है जैसे
. बार-बार चीजों की जांच करना जैसे - लाइट व अलमारी बंद है या नहीं।
. चीजों को बहुत संभालकर रखना क्योंकि उन्हें उसे खोने का डर होता है।
. कुछ लोग पाप से बहुत डरते हैं। वह सोचते हैं कि अगर उन्होंने कुछ गलत किया तो वो सजा के भागी बन जाएंगे।
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के कारण
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के लिए आनुवांशिकता, ब्रेन में सेरोटोनिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर की कमी, इंफेक्शन, स्ट्रेस आदि चीजें जिम्मेदार होते हैं।
ओब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के लक्षण
. बार-बार सफाई करना
. किसी बात को बार-बार दोहराना
. चीजों को व्यवस्थित करके रखना
. कीटाणुओं व गंदगी के संपर्क में आने का डर
. किसी और को नुकसान पहुंचने का डर
. चीजों को बेवजह बार-बार जांचना
. बेकार की चीजें इकट्ठा करना जैसे, पुराने न्यूजपेपर, टूटी हुई चीजें आदि।
. बार-बार हाथ धोने का कंपल्शन
. संख्याओं और रंगों का अरेंजमेंट करना
. डर महसूस करना जैसे, घर में कोई व्यक्ति घुस आया है।
कैसे करें इलाज?
डॉक्टर रोगी की मानसिक स्थित के हिसाब से दवाइयां देते हैं, जो दिमाग में सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ाती हैं। ये दवाइयां ज्यादातर उन लोगों को दी जाती है जो लंबे समय तक OCD से जूझ रहे हों।
बिहेवियर थेरेपी भी है मददगार
अगर व्यक्ति OCD की फर्स्ट स्टेज पर हो तो उसे बिहेवियर थेरेपी लेने की सलाह दी जाती है। इसमें रोगी को शांत रहने वाले व्यायाम और कुछ तकनीके सिखाई जाती हैं। हालांकि साफ-सफाई वाले विचारों के मामले में रोगी को गंदगी से दूर रहने की सलाह भी दी जाती है।