इस शुभ मुहूर्त में मनाया जाएगा दशहरा, सिर्फ इस पेड़ की पत्ती घर में लाएगी पैसा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 04, 2022 - 11:15 AM (IST)

आज शारदीय नवरात्रि का आखिरी दिन है। नवरात्रि के 9 दिनों के बाद दशमी के दिन विजयदशमी यानी की दशहरा मनाया जाता है। दशहरा को हिंदू धर्म का एक लोकप्रिय त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक होता है। इस दिन लंकापति रावण का पुतला जलाया जाता है। इसे विजयदशमी भी कहते हैं। इस बार दशहरा कल के दिन यानी की 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा। तो चलिए आपको बताते हैं दशहरा का शुभ मूहुर्त ...

दशहरा का शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचागों के मुताबिक, अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन दशहरा मनाया जाता है। इस बाद दशमी तिथि का प्रारंभ आज यानी की 4 अक्टूबर दोपहर 2:20 पर शुरु होगा और 5 अक्टूबर यानी की कल खत्म होगा। ज्योतिषाशास्त्र के उदयतिथि के मुताबिक, दशहरा 5 अक्टूबर के दिन मनाया जाएगा। वहीं यदि आप दशहरे पर पूजा करना चाहते हैं तो उसका शुभ मुहूर्त दोपहर 1:20 पर शुरु होगा और दोपहर को 3:41 पर खत्म होगा। 5 अक्टूबर के दिन दोपहर 2:07 से लेकर 2:54 तक शुभ मुहूर्त रहेगा। यह मुहूर्त पूजा के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। 

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दशहरे पर करें ये शुभ कार्य 

. मान्यताओं के अनुसार, दशहरे के दिन प्रदोष काल में शाम के समय रावण के पुतले को जलाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे बुराई का नाश होता है, असत्य पर सत्य की जीत होती है। इस दिन सत्य के मार्ग पर चलने प्रण जरुर लेना चाहिए। 

. इस दिन सुबह उठकर ध्यान के बाद शस्त्रों की पूजा करना भी काफी शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन शस्त्रों की पूजा जरुर करें। 

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. आप दशहरे के दिन दीवाली की कोई खरीदारी कर सकते हैं। आप दीवाी के कपड़े, पूजा-पाठ का सामान कपड़े इत्यादि चीजें खरीद सकते हैं। 

. यदि आपने घर में दुर्गा की मूर्ति रखी है या कलश स्थापना तो उसका विसर्जन विजयदशमी के दिन आप कर सकते हैं। विजयदशमी के दिन शुभ समय में विधिपूर्वक आप दुर्गा मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं। 

इस पेड़ की करें पूजा 

ज्योतिषाशास्त्र के अनुसार, विजयदशमी पर शस्त्र पूजन और शमी पेड़ की जाती है। शमी के पेड़ की पूजा प्राचीन काल से की जा रही है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने युद्ध करने से पहले मां दुर्गा और शमी के वृक्ष की पूजा की थी। इसलिए परिणामस्वरुप लंका पर उन्हें विजय की प्राप्ति हुई। इसी के बाद दशहरे पर शमी के वृक्ष की उपासना शुरु हो गई थी। 

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पूजन के बाद शमी के पत्ते बांटने से मिलता है लाभ 

विजयदशमी के दिन शमी के पेड़ की पूजा करने के बाद और रावण दहन के बाद इस पौधे की पत्तियां घर, परिवार और प्रियजनों को भी बांटी जाती हैं। इस पौधे की पत्तियों को सोने के समान माना जाता है। दशहरे में प्रदोषकाल में शमी के वृक्ष की उपासना करने से धन की प्राप्ति का वरदान भी मिलता है। इस वृक्ष को बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि दशहरे के दिन इस वृक्ष की पत्तियां से घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य विजय का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए घर में प्रियजनों के बाद इस पत्ती को देकर शुभकामनाएं भी दी जाती हैं। 

 


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palak

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