कम उम्र से ही क्यों बढ़ रहा है महिलाओं का गर्भाशय? विशेषज्ञों ने बताई वजह
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 02:52 PM (IST)

नारी डेस्क: आज के समय में महिलाओं में गर्भाशय बढ़ने (Enlarged Uterus) की समस्या तेजी से सामने आ रही है। पहले यह परेशानी 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में देखी जाती थी, लेकिन अब 20-30 वर्ष की युवतियों में भी यह समस्या बढ़ रही है। हाल की स्टडीज के अनुसार, देश में हर पांचवीं महिला किसी न किसी रूप में इस समस्या से प्रभावित है। इसका असर न सिर्फ प्रजनन क्षमता पर बल्कि महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य और जीवनशैली पर भी पड़ता है।
गर्भाशय का महत्व और सामान्य आकार
गर्भाशय केवल प्रजनन का केंद्र नहीं, बल्कि महिला के संपूर्ण स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ अंग है। सामान्य स्थिति में इसका आकार नाशपाती जितना छोटा होता है। लेकिन हार्मोनल बदलाव, बीमारियां या इंफेक्शन इसकी दीवारों को प्रभावित कर आकार बढ़ा देते हैं। शुरुआती चरण में यह समस्या केवल हल्के भारीपन जैसी लगती है, लेकिन समय के साथ यह प्रजनन क्षमता, मासिक धर्म और दैनिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है।
खराब लाइफस्टाइल असली जड़
विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भाशय बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है आधुनिक जीवनशैली। जंक फूड और असंतुलित आहार। हार्मोनल असंतुलन (खासकर PCOS और थायरॉइड), तनाव और नींद की कमी, बढ़ती उम्र या प्रसव के बाद की जटिलताएं, फाइब्रॉइड्स (रसोलियां), सिस्ट, एंडोमेट्रियोसिस और इंफेक्शन प्रमुख कारण हैं। इन स्थितियों में गर्भाशय की दीवारें मोटी और सूज जाती हैं, जिससे महिलाओं को दर्द, दबाव और असामान्य ब्लीडिंग की समस्या होने लगती है।
किन लक्षणों पर दें ध्यान
डॉक्टरों का कहना है कि गर्भाशय संबंधी विकार धीरे-धीरे बढ़ते हैं। शुरुआत में केवल पेट में भारीपन या सूजन महसूस होती है, लेकिन धीरे-धीरे लक्षण गंभीर हो जाते हैं
पीरियड्स का अनियमित होना
खून का ज्यादा बहना
पेट और कमर में दर्द
बार-बार पेशाब लगना
कब्ज और थकान
इंटीमेसी के दौरान दर्द
बार-बार खून की कमी (एनीमिया)
जब गर्भाशय का आकार बढ़ता है, तो यह आसपास के अंगों जैसे मूत्राशय और आंतों पर दबाव डालता है। इससे महिलाओं की दैनिक जीवन की गुणवत्ता प्रभावित हो जाती है।
समस्या से कैसे पाएं राहत
डॉक्टरों के अनुसार, सही लाइफस्टाइल और समय पर जांच से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। संतुलित आहार और पर्याप्त पानी नियमित व्यायाम और योग। तनाव पर नियंत्रण और अच्छी नींद, समय-समय पर गाइनीकॉलजिस्ट से चेकअप, कि गर्भाशय का स्वस्थ रहना सिर्फ महिला के लिए ही नहीं, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद जरूरी है। कि इस समस्या को कभी हल्के में न लें। समय रहते इलाज से न केवल महिला की प्रजनन क्षमता सुरक्षित रहती है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
गर्भाशय का बढ़ना केवल एक सामान्य स्त्रीरोग समस्या नहीं, बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य संकेत है। महिलाएं यदि समय पर जांच कराएं, लाइफस्टाइल में सुधार लाएं और डॉक्टर की सलाह लें, तो इस समस्या को काफी हद तक रोका और नियंत्रित किया जा सकता है।