क्या सच में सिर में दो भंवर वालों की होती है दो शादियां?
punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 07:00 PM (IST)

नारी डेस्क : सिर में दो भंवर होना एक दुर्लभ, लेकिन पूरी तरह से प्राकृतिक चीज है। इसे लेकर कई पुरानी मान्यताएं और कहावतें हैं, जैसे कि इसकी तो दो शादी तय है। लेकिन क्या इसका सच में विवाह या भविष्य से कोई संबंध है? आइए जानते हैं इसके पीछे की वास्तविकता।
दो भंवर क्या होते हैं?
अधिकतर लोगों के सिर पर सिर्फ एक भंवर होता है, जो बालों की दिशा और पैटर्न तय करता है। लेकिन कुछ लोगों के सिर पर दो भंवर पाए जाते हैं, जिन्हें देखकर कई बार लोग मज़ाक में या परंपरा के अनुसार तरह-तरह की बातें कर देते हैं। गांवों में अक्सर देखा जाता है कि बच्चे के सिर पर दो भंवर हों तो कहा जाता है। इसकी तो दो शादी तय है। हालांकि, यह केवल कहावत या मजाक की बात होती है, लेकिन धीरे-धीरे इसे एक धारणा का रूप दे दिया गया।
वैज्ञानिक नजरिया
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सिर में भंवरों की संख्या हमारे डीएनए (DNA) और परिवारिक वंश से जुड़ी होती है। बालों की बनावट, उनकी दिशा और भंवरों की संख्या भी वंशानुगत होती है। बता दें की एक अमेरिकी शोध के अनुसार, दुनिया की केवल 5 प्रतिशत आबादी में सिर पर दो भंवर पाए जाते हैं। यह निश्चित रूप से सामान्य नहीं है, लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं कि यह किसी बड़े संकेत या भविष्यवाणी का प्रतीक है। सिर में दो भंवर किसी के स्वभाव, जीवनसाथी या वैवाहिक जीवन को तय नहीं करते।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण
ज्योतिष शास्त्र में सिर में दो भंवर वाले लोगों को विशेष और समझदार माना जाता है। कहा जाता है कि ये लोग शांत स्वभाव के होते हैं और दूसरों की मदद करने में विश्वास रखते हैं। अपने काम में ये पूरी लगन और मेहनत के साथ जुटे रहते हैं, जिससे जीवन में तरक्की की संभावना बढ़ती है। कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि ऐसे लोगों को वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। यदि पहली शादी में कठिनाइयां आती हैं, तो दूसरी शादी की संभावना भी हो सकती है। हालांकि, यह केवल ज्योतिषीय मान्यता है और इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
आम धारणा और सच्चाई
गांवों में सिर पर दो भंवर को लेकर जो कहावतें और मान्यताएं हैं, वे केवल अनुभव या सुनाई हुई बातें हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से इसका वैवाहिक जीवन या भविष्य से कोई सीधा संबंध नहीं है। यह केवल शरीर की प्राकृतिक बनावट का हिस्सा है, जैसे किसी की आंखें भूरी या नीली होती हैं। कुछ लोग इसे शुभ मानते हैं, जबकि कुछ लोग इससे जुड़े अंधविश्वासों में उलझे रहते हैं।