मां तुलसी की इस तरीके से करे पूजा, सभी इच्छाएं होंगी पूरी

punjabkesari.in Friday, May 16, 2025 - 03:44 PM (IST)

नारी डेस्क: हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा विशेष महत्व रखता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। तुलसी की पूजा से देवी लक्ष्मी की कृपा मिलती है और घर में सकारात्मकता का वास होता है। माना जाता है कि इस पौधे के नीचे हर दिन दीप जलाने से पुण्य मिलता है। लेकिन, तुलसी पूजा के कुछ विशेष नियम होते हैं जिनका पालन करना आवश्यक है ताकि पूजा का पूरा लाभ प्राप्त हो सके।

तुलसी पूजा के नियम

पवित्रता का ध्यान रखें: सबसे पहले पूजा करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। यह आपके मन और शरीर को शुद्ध करेगा और पूजा में एकाग्रता को बढ़ाएगा।

भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करें: तुलसी के पौधे की पूजा शुरू करने से पहले भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय हैं, और उनके आशीर्वाद से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है।

तुलसी को अर्पित करें चूड़ियाँ और फूल: पूजा के दौरान, तुलसी के पौधे को लाल रंग की चुनरी और फूलों की माला अर्पित करें। यह देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है।

घी का दीपक जलाएं: तुलसी के पास देसी घी का दीपक जलाएं। यह दीपक सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और घर में शांति बनाए रखता है।

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आरती करें: अब तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाकर उसकी आरती करें। यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके माध्यम से आप अपने घर में सुख-शांति की कामना करते हैं।

तुलसी मंत्र का जाप: आरती के बाद, तुलसी चालीसा और तुलसी मंत्र का जाप करें। इससे पूजा का प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है और आपके मन की शांति बनी रहती है।

भोग अर्पित करें: पूजा के अंत में, तुलसी के पौधे के पास फल और मिठाई का भोग अर्पित करें और फिर उसे परिवार के सदस्यों में बांट दें। यह एक शुभ संकेत है और पूजा के प्रभाव को फैलाता है।

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तुलसी आरती

जय जय तुलसी माता, सबकी सुखदाता वर माता।
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर,
रुज से रक्षा करके भव त्राता।
जय जय तुलसी माता...

बहु पुत्री है श्यामा, सूर वल्ली है ग्राम्या,
विष्णु प्रिय जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
जय जय तुलसी माता...

हरि के शीश विराजत त्रिभुवन से हो वंदित,
पतित जनों की तारिणि, तुम हो विख्याता।
जय जय तुलसी माता...

लेकर जन्म बिजन में आई दिव्य भवन में,
मानव लोक तुम्हीं से सुख सम्पत्ति पाता।
जय जय तुलसी माता...

हरि को तुम अति प्यारी श्याम वर्ण सुकुमारी,
प्रेम अजब है श्री हरि का तुम से नाता।
जय जय तुलसी माता...

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तुलसी पूजन मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी स्तुति मंत्र

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी पूजा का महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है। यह न केवल आध्यात्मिक शांति का प्रतीक है, बल्कि घर में सुख और समृद्धि का वास भी सुनिश्चित करता है। अगर आप तुलसी पूजा के इन सरल और प्रभावी नियमों का पालन करेंगे तो आपको इसका अधिकतम लाभ मिलेगा। साथ ही, इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और परिवार में शांति बनी रहेगी।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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