आंख में बन सकती हैं दर्दनाक गांठ अगर Makeup करते हुए की ये गलती
punjabkesari.in Monday, Aug 11, 2025 - 05:47 PM (IST)

नारी डेस्क : आंखें हमारी पर्सनालिटी और खूबसूरती दोनों को निखारती हैं और इस खूबसूरती को बढ़ाने के लिए लड़कियां आई मेकअप का सहारा लेती हैं लेकिन जरूरत से ज्यादा मेकअप आंखों को संक्रमण, सूखापन और एलर्जी कर सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप न केवल खूबसूरती बल्कि आंखों की सेहत का भी ध्यान रखें। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आजकल कई युवा महिलाएं आंखों में लालिमा, जलन, सूखापन और कभी-कभी धुंधला दिखाई देने जैसी परेशानियों से गुजर रही हैं। इन समस्याओं के पीछे अक्सर आई मेकअप की गलत आदतें होती हैं, जिनका अंदाजा खुद महिलाओं को भी नहीं होता।
मेकअप के आसान टिप्स और Eye Makeup से जुड़ी आम समस्याएं
1. स्टाई (Stye)
स्टाई एक छोटी, लाल और दर्दनाक गांठ होती है जो आंखों की पलकों के पास बनती है। यह आमतौर पर बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है, खासकर तब जब चेहरा या आंखें ठीक से साफ न की जाएं। बता दे कि मेकअप प्रोडक्ट्स के अवशेष और गंदगी पलक के पास मौजूद स्किन पोर्स में फंस जाते हैं, जिससे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब आप पुराना या एक्सपायर्ड आई मेकअप इस्तेमाल करते हैं या सोने से पहले मेकअप साफ नहीं करते।
बचाव के टिप्स: रोजाना मेकअप हटाने के लिए माइल्ड आई मेकअप रिमूवर का इस्तेमाल करें। तौलिए या मेकअप ब्रश शेयर न करें। पुराना और एक्सपायर्ड मेकअप यूज ना करें ।
2. कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis / Pink Eye)
यह आंखों में होने वाला एक सामान्य संक्रमण है, जिसमें आंखें लाल, खुजली और और पानी से भरी हुई हो जाती हैं। अक्सर गंदे या शेयर किए गए मेकअप प्रोडक्ट्स, खासकर काजल और आईलाइनर, से बैक्टीरिया या वायरस फैलते हैं।
बचाव के टिप्स: किसी के साथ आई मेकअप प्रोडक्ट शेयर न करें। आई पेंसिल या ब्रश को समय-समय पर सैनिटाइज करें। संक्रमण होने पर तुरंत मेकअप का इस्तेमाल बंद करें।
3. ड्राई आई सिंड्रोम (Dry Eye Syndrome)
ड्राई आई सिंड्रोम में आंखों की नैचुरल नमी कम हो जाती है, जिससे सूखापन, चुभन और जलन महसूस होने लगती है। आईलाइनर या मस्कारा के छोटे-छोटे कण कई बार आंसू ग्रंथियों (Tear Glands) के पास जमा होकर उन्हें ब्लॉक कर देते हैं, जिससे आंसुओं का बनना कम हो जाता है। लंबे समय तक भारी या वॉटरप्रूफ आई मेकअप पहनने से यह समस्या और बढ़ सकती है।
बचाव के टिप्स: वॉटरलाइन पर मोटी लेयर में आई लाइनर लगाने से बचें। लंबे समय तक वॉटरप्रूफ प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें। आंखों में सूखापन होने पर आर्टिफिशियल टियर्स ( Eye Drop) का इस्तेमाल करें और पर्याप्त पानी पिएं।
4. एलर्जी या रिएक्शन (Allergic Reaction)
कुछ लोगों को Eye Makeup प्रोडक्ट्स में मौजूद केमिकल्स, प्रिजर्वेटिव्स, डाई या ग्लिटर पार्टिकल्स से एलर्जी हो सकती है। आई पेंसिल, ग्लिटर आई लाइनर या फॉल्स लैशेस के गोंद में पाए जाने वाले तत्व आंखों में खुजली, जलन, लालिमा और सूजन का कारण बन सकते हैं। यह रिएक्शन हल्का भी हो सकता है और गंभीर भी, जो समय पर ध्यान न देने पर इंफेक्शन में बदल सकता है।
बचाव के टिप्स: नया Eye Makeup इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें। हाइपोएलर्जेनिक और डर्मेटोलॉजिस्ट-टेस्टेड प्रोडक्ट चुनें। अगर एलर्जी के लक्षण दिखें तो तुरंत मेकअप हटाकर आंखों को साफ करें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें।
5. पलकों का टूटना (Eyelash Damage)
बार-बार लैश कर्लर या गरम टूल्स का इस्तेमाल पलकों को कमजोर बना देता है। मस्कारा लगाने के बाद कर्लिंग करने से पलकें सख्त होकर टूटने लगती हैं। वॉटरप्रूफ मस्कारा भी पलकों को ड्राई बना देता है, जिससे उन्हें हटाने के दौरान ज्यादा रगड़ पड़ती है और नुकसान होता है।
बचाव के टिप्स: मस्कारा लगाने के बाद लैश कर्लर का इस्तेमाल न करें। पलकों को साफ और मॉइस्चराइज रखने के लिए नारियल तेल या कैस्टर ऑयल लगाएं। वाटरप्रूफ मस्कारा का इस्तेमाल सिर्फ जरूरत पड़ने पर करें और उसे हल्के हाथों से हटाएं।
क्यों बढ़ते हैं Eye Makeup से जुड़े खतरे?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, जब आप Eye Makeup जैसे काजल, आईलाइनर या आईशैडो को वॉटरलाइन या लैश लाइन के बहुत करीब लगाते हैं तो यह सीधे आंखों की सुरक्षा परत यानी टियर फिल्म को प्रभावित करता है। यही परत आंखों को बैक्टीरिया, धूल और बाहरी संक्रमण से बचाने का काम करती है। इसके अलावा, वॉटरप्रूफ मेकअप आसानी से नहीं उतरता, जिससे इसे हटाने के लिए आंखों को बार-बार और जोर से रगड़ना पड़ता है। यह न केवल आंखों में जलन और लालिमा पैदा करता है, बल्कि लैश फॉलिकल्स को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे पलकें टूटने या झड़ने लगती हैं। आंखों की खूबसूरती के लिए आप भी अपनाएं ये टिप्स अपनाएं। जिससे आप की आखें खूबसूरत के साथ स्वस्थ भी रहेंगी।