Health Tips: पाचन तंत्र दुरुस्त रखेंगी ये चीजें, आज ही करें डाइट में शामिल
punjabkesari.in Thursday, Aug 26, 2021 - 12:50 PM (IST)
बदलते मौसम में पाचन तंत्र धीमा पड़ने की समस्या आम है। इसके अलावा गलत खानपान व लाइफ स्टाइल से भी पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके कारण कब्ज, अपच, एसिडिटी, पेट में सूजन व खाने पचाने में दिक्कतें आदि की समस्या होने लगती है। ऐसे में डेली डाइट में कुछ हेल्दी चीजें शामिल करके पाचन तंत्र मजबूत किया जा सकता है। चलिए जानते हैं उन चीजों के बारे में...
हाई फाइबर फूड्स
पाचन तंत्र दुरुस्त रखने के लिए डेली डाइट में हाई फाइबर फूड्स शामिल करें। यह पाचन तंत्र को मजबूत करके कब्ज व पेट संबंधी अन्य समस्याओं से बचाव रखता है। इसलिए अपनी डेली डाइट में साबुत अनाज, सब्जियां फल और फलियां आदि शामिल करें।
हेल्दी फैट फूड्स खाएं
फैट से भरपूर चीजों का सेवन करने से पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। इसके कारण कब्ज होने का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए डेली डाइट में कुछ हेल्दी फैट से भरपूर चीजें शामिल करें। एक्सपर्ट्स के अनुसार, हाई फाईबर वाले फूड्स के साथ फैट फूड्स खाना फायदेमंद माना जाता है। इससे पाचन तंत्र दुरुस्त होकर बेहतर शारीरिक विकास में मदद मिलती है।
लीन मीट खाना सही
हेल्दी रहने के लिए शरीर को प्रोटीन की जरूरत होती है। वहीं मीट प्रोटीन से भरपूर होता है। मगर इसके सेवन से पाचन तंत्र कमजोर और वजन बढ़ने की परेशानी होती है। ऐसे में आप अपनी डाइट में लीन मीट शामिल कर सकती है। इससे आपका पाचन तंत्र बेहतर होने के साथ शरीर को सही मात्रा प्रोटीन मिलेगा।
विटामिन-सी से भरपूर चीजें
खाने में विटामिन सी से भरपूर चीजें शामिल करने से पाचन तंत्र मजबूत होने में मदद मिलती है। इसके सेवन से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। ऐसे में पेट दर्द, कब्ज, एसिडिटी, अपच आदि समस्याओं से आराम मिलता है। इसके लिए डेली डाइट में ब्रोकली, संतरा, कीवी, अमरूद, नींबू, स्ट्राबेरी आदि विटामिन सी से भरपूर चीजें शामिल करें।
समय पर खाएं
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, लंबे समय तक भूखा रहने व अचानक से भारी भोजन खाने से भी पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि आप डेली डाइट में हेल्दी चीजें शामिल करने के साथ खाने का समय तय करें। रोजाना एक समय पर ही नाश्ता, लंच व डिनर करें। इससे पाचन तंत्र दुरुस्त होगा। ऐसे में पेट संबंधी समस्याओं की चपेट में आने का खतरा कम रहता है।