बार-बार मिसकैरेज की हो सकती है ये वजह, 50 प्रतिशत महिलाओं को नहीं है इसकी जानकारी

punjabkesari.in Monday, Jun 03, 2024 - 10:29 AM (IST)

नारी डेस्ट: बार-बार होने वाले गर्भपात के पीछे कई  कारण होते हैं, जैसे आनुवांशिक कारक, पर्यावरणीय कारक, संक्रमण, हार्मोन विकार आदि। आमतौर पर गर्भपात गर्भावधि के 20 सप्ताह से पहले होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह पहले 12 सप्ताह में भी हो सकता है। लगभग 50 प्रतिशत महिलाओं की बार-बार गर्भपात के लिए सटीक जांच और उपचार हो जाता है, लेकिन शेष 50 प्रतिशत मामलों में कारण अस्पष्ट रह जाते हैं या उनकी समस्या का कोई स्पष्ट कारण नजर नहीं आता।

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‘पैल्विक फ्लोर’  है बड़ी समस्या

इस स्थिति का एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारण हो सकता है ‘पैल्विक फ्लोर’ की मांसपेशियों की कमजोरी जिसे स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा भी अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। ‘पैल्विक फ्लोर’ शरीर का वह हिस्सा है, जिसमें ब्लैडर, यूटेरस, वजाइना और रैक्टम होते हैं। यह हिस्सा महिलाओं के शरीर के सबसे अहम अंगों को सहेज कर रखता है। इसकी कमजोरी की समस्या पर काबू पाने के लिए अभी तक अधिक महत्व नहीं दिया गया है। गर्भपात की समस्या से पीड़ित अधिकांश महिलाएं सटीक कारण का पता लगाने के लिए पेट की जांच और परीक्षण करवाती हैं।

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महिलाओं को करवानी चाहिए जांच

ऐसी सभी महिलाओं के लिए जरूरी है कि वे ‘पैल्विक फ्लोर’ की मांसपेशियों की जांच भी करवाएं ताकि इसकी कमजोरी की समस्या का भी पता चल सके। यदि यह आपके गर्भपात का कारण निकलता है तो स्त्री रोग विशेषज्ञ या पैल्विक फ्लोर रिहैबिलिटेशन स्पैशलिस्ट से उचित परामर्श लेना चाहिए। ‘पैल्विक फ्लोर’ की मांसपेशियों की कमजोरी का उपयुक्त इलाज और उसके बाद गर्भपात की समस्या का समाधान किया जा सकता है। 

 

डॉक्टर से जरुर लें सलाह

एक्सपर्ट की मानें तो प्रेग्नेंसी के दौरान पेल्विक फ्लोर में बदलाव शुरू हो जाता है। इस बदलाव की वजह से पेल्विक फ्लोर के 25 प्रतिशत तक कमजोर होने की संभावना हो जाती है। इसलिए, डिलीवरी के बाद थोड़ी-थोड़ी एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए।  हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार जिन महिलाओं को ऐसा लगता है कि उनकी पेल्विक फ्लोर कमजोर है और इसकी वजह से उन्हें समस्याएं हो रही हैं, तो इस विषय पर डॉक्टर से सलाह लें।

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क्या है इसका इलाज


-कुछ मामलों में इलाज बिना सर्जरी के होता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में इस समस्या का इलाज सिर्फ सर्जरी ही है।

-बिना सर्जरी के इलाज में पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों की मजबूती के लिए एक्सरसाइज कराई जाती है।

-अगर पेशाब की थैली या मलाशय नीचे आता है तो पेल्विक फ्लोर रिपेयर किया जाता है।

-अगर बच्चेदानी और वजाइना बिल्कुल नीचे आ गई हो तो बच्चेदानी निकालनी पड़ती है।

-योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर भी  पेल्विक मसल्स काफी बेहतर हो सकती है।

-कई बार कीगल्स एक्सरसाइज से इस समस्या का समाधान हो जाता है।
 


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Content Writer

vasudha

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