फैशन स्टेटमेंट ही नहीं बल्कि इस कारण शादी में नथ जरूर पहनती है दुल्हन, आप भी जान लीजिए कारण
punjabkesari.in Monday, Jul 07, 2025 - 05:55 PM (IST)
शादी में नथ पहनने की प्रथा भारतीय संस्कृति में बेहद महत्वपूर्ण औ है। यह न केवल एक आभूषण है, बल्कि सुहाग और सौभाग्य का प्रतीक भी है। यह दुल्हन के सोलह श्रृंगार में से एक है, जिसे पहनना शुभ और आवश्यक माना जाता है। चलिए आज जानते हैं भारतीय शादी में नथ पहनने की प्रथा क्यों महत्वपूर्ण है और इसके पीछे की सांस्कृतिक, धार्मिक और आयुर्वेदिक मान्यताएं क्या हैं।

सौंदर्य वृद्धि
नथ दुल्हन के चेहरे को और अधिक आकर्षक बनाती है। यह पारंपरिक श्रृंगार को एक रॉयल टच देती है, विशेष रूप से जब यह मोतियों, कुंदन, या सोने-चांदी से बनी होती है।
सांस्कृतिक विविधता
भारत के अलग-अलग राज्यों में नथ के डिज़ाइन और पहनने के तरीके भी अलग-अलग होते हैं: महाराष्ट्र में बड़ी गोल नथ पहनी जाती है जिसे "ब्रह्मनथ" कहते हैं। राजस्थान की दुल्हनें भारी और लंबे झूलते डिजाइन वाली नथ पहनती हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार में बड़ी नथ के साथ चैन को जोड़ा जाता है

धार्मिक मान्यता
मान्यता है कि विवाह के समय नथ पहनने से मां पार्वती और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इससे शादीशुदा जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है। आयुर्वेद में कहा गया है कि नाक छिदवाने से महिला के हार्मोन संतुलित रहते हैं, और ये प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है। यह एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को भी एक्टिव करता है, जिससे मासिक धर्म और अन्य स्त्री रोगों से राहत मिलती है।
नथ का चलन
आजकल भले ही नथ पहनना रोजमर्रा की आदत न हो, लेकिन शादी, तीज, करवा चौथ जैसे अवसरों पर दुल्हन और विवाहित महिलाएं अब भी इसे फैशन और परंपरा दोनों के रूप में अपनाती हैं। नथ पहनने की परंपरा सिर्फ एक फैशन स्टेटमेंट नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक मान्यताओं और स्वास्थ्य से जुड़ा एक गहरा प्रतीक है। शादी में नथ पहनना नारी की शक्ति, सुंदरता और संस्कार का प्रतिनिधित्व करता है।

