बरसात में महिलाओं का बदल जाता है व्यवहार, पढ़िए मूड स्विंग को मैनेज करने के तरीके

punjabkesari.in Tuesday, Jul 02, 2024 - 01:41 PM (IST)

बरसात का मौसम आते ही कई तरह की बीमारियां भी अपना आतंक मचाना शुरु कर देती हैं। ऐसे में बहुत से लोग इस बात से अनजान है कि मूड स्विंग की समस्या का भी बारिश से नाता है। जी हां इस मौसम में बहुत से लोगों के व्यवहार और भावनाओं में अचानक से बदलाव आने लगता है, खासकर महिलाओं में इस तरह की समस्याएं देखने को मिल रही है। तो चलिए समझते हैं मूड स्विंग के कारण और लक्षणों को। 

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इस मौसम में उदास रहने लगती हैं महिलाएं

अमेरिका के हॉर्वर्ड मेडिकल में स्कूल के प्रोफेसर डॉ. रामशंकर उपाध्याय के अनुसार बरसात के मौसम में महिलाओं में सेरोटोनिन हार्मोन का स्तर घट जाता है। इससे उन्हें खुशी का एहसास कम होता है और वे उदास रहने लगती हैं। ऐसे में वे ज्यादा खाने लगती हैं। कई बार वह अपने मूड को ठीक करने के लिए ऐसी चीजें खाती हैं जो उनकी सेहत को बेहद नुकसान पहुंचाती हैं। 

मूड स्विंग के कारण

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक मूड स्विंग होना कोई मेंटन डिसऑडर नहीं है. ये समस्या किसी को भी हो सकती है। शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के अचानक से बढ़ने और घटने की वजह से लड़कियों को मूड स्विंग की समस्या होती है। इसके अलावा, प्रेगनेंसी यानी गर्भावस्था, तनाव, हार्मोनल असंतुलन, मेनोपॉज और भ्रम की बीमारी होने पर भी मूड स्विंग होता है। इस समस्या से बचने के लिए सेल्फ केयर सबसे ज़रूरी 

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मूड स्विंग के लक्षण

- हर वक्त थकान महसूस होना

-अत्यधिक खाना खाना या बिल्कुल भी भूख ना लगना

- नींद ना आना, अनिद्रा की समस्या पैदा होना

-बेचैनी महसूस होना, चिड़चिड़ापन महसूस करना

 - वातावरण के विपरीत व्यवहार रखना

 - चीजें भूल जाना

- बोलने, लिखने, सोचने, पढ़ने में दिक्कत महसूस करना

इससे बचने के तरीके


-इससे बचने के लिए महिलाओं को विटामिन से भरपूर आहार लेना चाहिए । 

-मूड स्विंग का बड़ा कारण चिंता, तनाव और बेचैनी है। ऐसे में मूड को अच्छा करने के लिए स्ट्रेस को मैनेज करना बेहद जरूरी है।

-रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है। इससे शरीर को आराम मिलेगा और मूड भी ठीक रहेगा।

-इस मौसम में फर्मेटेड फूड यानी इडली-डोसा जैसी चीजें आसानी से पच जाती हैं, इनका सेवन करें।

-कैफीन, शुगर, अल्कोहल का ज्यादा सेवन करने से भी घबराहट, बेचैनी बढ़ने लगती है। इन चीजों से दूरी बना लें।

-हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर-मूली और लौकी सबसे ज्यादा लें। पपीता और चुकंदर भी फायदेमंद होंगे। 

-दही जैसी प्रोबॉयोटिक्स चीजों का खूब सेवन करें।

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डॉ. उपाध्याय बताते हैं- बरसात में डिहाइड्रेशन सबसे ज्यादा होता है। पसीना न होने से प्यास नहीं लगती और शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए प्यास लगे बिना भी पानी पीते रहें। चाय-कॉफी की जगह सूप लें। हर्बल चाय ले सकते हैं। बारिश में इम्यूनिटी भी घट जाती है। इसे बनाए रखने के लिए खट्टे फल खाएं और नींबू का सेवन बढ़ा दें।


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vasudha

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