Gear Up: भारत में ये महिला बाइकर्स रफ्तार से करती हैं बातें, बनाई अपनी अलग राह
punjabkesari.in Monday, Nov 25, 2024 - 06:48 PM (IST)
नारी डेस्क: आज किसी कौशल या शौक को सीखने के लिए लिंग कोई बाधा नहीं है। पुरुष खाना बना सकते हैं और महिलाएं बाइक चला सकती हैं। हालांकि बड़े पैमाने पर बदलाव के लिए अभी भी बहुत काम बाकी है, लेकिन यह बदलाव शुरू हो चुका है।दशकों तक बाइकर्स को मर्दानगी से जोड़ा जाता रहा है, पर अब यह धारणा बदल रही है। कई महिलाएं इस रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए मोटरसाइकिल चलाने के रोमांच को ना सिर्फ अपना रही हैं बल्कि नई पढ़ी के लिए अलग राह भी बना रही हैं। चलिए जानते हैं भारत में कई स्टाइलिश महिला बाइकर्स के बारे में जिन्होंने अपने जुनून और उपलब्धियों से एक अलग पहचान बनाई है।
ऐश्वर्या पिस्से
ऐश्वर्या पिस्से एक प्रसिद्ध ऑफ-रोड मोटरसाइकिल रेसर हैं। उन्होंने 21 साल की उम्र में टीवीएस वन-मेक रेस चैंपियनशिप से अपने करियर की शुरुआत की। 24 साल की उम्र में उन्होंने स्पेन में आयोजित बाजा अरागॉन एफआईएम सीरीज जीतकर पहली भारतीय बनने का गौरव हासिल किया। 18 साल की उम्र में उन्होंने बाइकिंग की शुरुआत एमटीवी शो के लिए की, जिसमें उन्होंने 24 दिनों में गुजरात से मेघालय की यात्रा की। ऐश्वर्या के पास ऑन-रोड और ऑफ-रोड रेसिंग में छह चैंपियनशिप खिताब हैं।
डॉ. निहारिका यादव
डॉ. निहारिका यादव पेशे से डेंटिस्ट हैं, लेकिन उनका जुनून बाइकिंग है। उन्होंने अपनी प्रोफेशनल जिंदगी के साथ बाइकिंग में भी संतुलन बनाया और 'इंडिया की सबसे तेज़ महिला सुपर बाइकर' का खिताब जीता। निहारिका एक ट्रैक रेसर हैं और अक्सर डुकाटी पैनिगेल 899 बाइक चलाती नजर आती हैं। उन्होंने कई मोटरसाइकिल रेसों में भाग लेकर अपनी पहचान बनाई है।
रौशनी मिस्बाह
रौशनी मिस्बाह, जिन्हें "हिजाबी बाइकर" के नाम से जाना जाता है, को बचपन से ही बाइकिंग का शौक था। उन्होंने पहली बार अपनी बजाज एवेंजर क्रूजर 220 बाइक चलाकर कॉलेज जाते हुए सबका ध्यान खींचा। बाद में उन्होंने रॉयल एनफील्ड 500 और फिर होंडा CBR स्पोर्ट्स बाइक खरीदी। बाइकिंग के प्रति उनके जुनून ने परिवार से चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उनके पिता ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया और उनका समर्थन किया। आज रौशनी अपने अनूठे स्टाइल और जुनून के लिए जानी जाती हैं।
ईशा गुप्ता
ईशा गुप्ता ने अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए एमएनसी की नौकरी छोड़ दी और बाइकिंग यात्राओं की ओर कदम बढ़ाया। 2014 में, उन्होंने 40 दिनों में 7,000 किलोमीटर का सफर तय किया, जिसमें मुंबई-दिल्ली-कोलकाता-चेन्नई का गोल्डन क्वाड्रिलेटरल कवर किया। ईशा ने कई बार सोलो राइड की हैं और महिलाओं को बिना डर के राइडिंग के लिए प्रेरित किया। उनका यह साहस और जुनून महिलाओं को बाइकिंग में अपनी पहचान बनाने के लिए प्रेरित करता है।
रोशनी शर्मा
रोशनी शर्मा एक साहसी महिला हैं जिन्हें रोमांच पसंद है। 26 साल की उम्र में उन्होंने कन्याकुमारी से कश्मीर तक सोलो बाइक राइड की और ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला बनीं। इस कठिन 5,453 किमी के सफर में उन्होंने 11 राज्यों और चुनौतीपूर्ण पहाड़ी इलाकों को पार किया। रोशनी ने साबित कर दिया कि अगर कोई महिला कुछ ठान ले, तो उसे कोई नहीं रोक सकता। उनकी यह यात्रा अदम्य साहस और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है।