डायबिटीज फ्रेंडली है कॉफी, रोजाना इतने कप पीने से आस-पास भी नहीं भटकेगी ये बीमारियां !

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2024 - 04:44 PM (IST)

नारी डेस्क: एक न्यूरोलॉजिस्ट के अनुसार, रोजाना 3-5 कप कॉफी पीने से मधुमेह, उच्च रक्तचाप या उच्च रक्तचाप और फैटी लीवर का खतरा कम हो सकता है।हालांकि कॉफी कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए जानी जाती है, लेकिन विशेषज्ञ ने इसे बिना चीनी और कम दूध के साथ पीने का सुझाव दिया है। कॉफी को लेकर दावा तो यह भी किया जाता है कि इसे पीने से लंबी उम्र बढ़ती है। 

 

बीना चीनी के कॉफी पीने की सलाह

हैदराबाद के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के डॉ. सुधीर कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कॉफी के कुछ स्वास्थ्य लाभ बताए हैं। उन्होंने कहा-  " कॉफी का सबसे उल्लेखनीय लाभ टाइप 2 मधुमेह,  स्ट्रोक, फैटी लीवर, उच्च रक्तचाप, क्रोनिक किडनी रोग, अवसाद और कुछ कैंसर का कम जोखिम है।" उनका कहना है कि- प्रतिदिन 3-5 कप कॉफी पीना सुरक्षित और स्वस्थ माना जाता है, हालांकि इसमें चीनी मिलाने से बचें।"

 

इन लोगों को कॉफी से करना चाहिए परहेज

विशेषज्ञ ने अनिद्रा से पीड़ित लोगों को सोने से लगभग 5-6 घंटे पहले कॉफी पीने से बचने की सलाह दी। कुमार ने कहा कि "गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 1-2 कप कॉफी का सेवन सीमित करना चाहिए, जबकि गंभीर उच्च रक्तचाप वाले लोगों को ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए या प्रतिदिन 1 कप कॉफी का सेवन सीमित करना चाहिए।" यह पेय पदार्थ "उच्च सामान्य रक्तचाप और ग्रेड 1 उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए" सुरक्षित है। विशेषज्ञ ने बताया कि कॉफी में एंटीहाइपरटेंसिव पोषक तत्वों (यानी विटामिन ई, नियासिन, पोटेशियम और मैग्नीशियम) और पॉलीफेनोल के उच्च स्तर के कारण कॉफी उच्च रक्तचाप के उच्च जोखिम से जुड़ी हो सकती है। 


कॉफी से मिलते हैं कई लाभ

कुमार ने सुझाव दिया कि गंभीर उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोग कॉफी की तुलना में ग्रीन टी पसंद कर सकते हैं। कई शोधों ने पार्किंसंस और अल्जाइमर रोगों सहित कॉफी के स्वास्थ्य लाभों का समर्थन किया है।  इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो लोग रोज़ाना कॉफी (Black Coffee) या कैफीन का सेवन करते हैं, विशेषकर मध्यम मात्रा में उनमें एक से अधिक कार्डियोमेटाबॉलिक बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।  जो लोग रोज़ाना तीन कप कॉफी या 200-300 मिलीग्राम कैफीन (Caffeine) का सेवन करते हैं, उनमें कार्डियोमेटाबॉलिक बीमारियों का खतरा 48% तक कम हो सकता है।
 


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Content Writer

vasudha

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