जब नारियल और धनिए से ठीक होगा Thyroid तो क्यों खानी दवाइयां? आयुर्वेद के 5 नुस्खे दिला देंगे छुटकारा

punjabkesari.in Wednesday, Apr 14, 2021 - 11:10 AM (IST)

हार्मोन्ल का असतुंलन अपने साथ एक नहीं अनेक बीमारियां लेकर आता है।उन्हीं में एक है थायराइड। इसकी मुख्य वजह खराब लाइफस्टाइल ही है। टेंशन,आयोडीन का ज्यादा इस्तेमाल और कमी, दवाइयों का साइड इफेक्ट या आनुवांशिकता हो सकती है।कब्ज रहना, थकावट, स्किन ड्राई, वजन बढ़ना या कम होना, हाई ब्लड प्रैशर, जोड़ों में दर्द, बाल पतले और बेजान होना, पसीना आना इसी के लक्षण है।

पुरूषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा शिकार

पुरुषों की तुलना में महिलाएं इसकी 10 गुणा ज्यादा शिकार है। थायराइड कंट्रोल ना हो तो और भी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए लोग दवाइयां तो खाते हैं लेकिन फिर भी थायराइड कंट्रोल में नहीं रहता क्योंकि इसमें परहेज भी जरूरी है। थायराइड को कंट्रोल में रखने के लिए घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे भी कारगर हैं।

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वीडियो में पहले बताते हैं कि थायराइड रोगी को खाना क्या है

-रोज 1 गिलास दूध जरूर पीएं।
-साबुत अनाज में फाइबर प्रोटीन और विटामिन्स भरपूर होते हैं।
-1 चम्मच अलसी के बीच खाएं।
-मुलेठी का सेवन करें। इसकी चाय भी पी सकते हैं और गले में रख कर इसका रस भी चूस सकते हैं।
-फल जरूर खाएं। आम, शहतूत, तरबूज़ और खरबूजा जरूर खाएं।
-दालचीनी, अदरक, लहसुन-प्याज और स्ट्रॉबेरी ज्यादा खाएं।
-नारियल तेल में बना खाना खाएं।
-10 से 15 मिनट की ताजी धूप लें।
-योग में सूर्य नमस्कार, सर्वांगासन, मत्स्यासन, नौकासन और प्रायाणाम में अनुलोम-विलोम जरूर करें।

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अब जानिए क्या नहीं करना है

-बासी भोजन ना खाएं
-ज्यादा ठंडे और खुष्क चीजों का सेवन ना करें
-मिर्च मसालेदार, तली-भुनी और खट्टी चीजें ना खाएं।
-यह रोग है तो पालक, शकरकंदी, बंदगोभी, फूलगोभी, मूली, शलजम, मक्का, सोया, रेड मीट, कैफ़ीन और रिफाइंड ऑयल नहीं लेना चाहिए।
-बहुत ज्यादा एक्सरसाइज ना करे।

थायराइड को कंट्रोल में रखने में फायदेमंद हैं ये आयुर्वेदिक नुस्खे

1. अलसी का 1 चम्मच चूर्ण लें या बीज खाएं।
2. 1 से 2 चम्मच नारियल तेल गुनगुने दूध में मिलाकर खाली पेट सुबह-शाम पीएं।
3. शाम को तांबे के बर्तन में पानी लेकर उसमें 1 से 2 चम्मच धनिये को भिगो दें और सुबह इसे अच्छी तरह से मसल कर छान कर धीरे-धीरे पीएं।
4. गाय के घी की दो-दो बूंद पिघला कर नाक में डालें।
5. जलकुंभी, अश्वगंधा या विभीतकी का पेस्ट ग्वाटर के ऊपर लगाएं। पेस्ट को तब तक लगाना है जब तक की सूजन कम न हो जाए। रोग से पीड़ित इन्हीं पौधों के स्वरस का प्रयोग भी कर सकते हैं।

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याद रखिए यह कैंसर का रुप भी ले सकती है। ऐसा तब होता है जब थायराइड ग्रंथि में गांठ बन जाती है। ऐसी स्थिति में केवल सर्जरी ही एकमात्र उपाय बचता है। अगर आपको इससे जुड़ी समस्या है तो डाक्टरी संपर्क करना ना भूलें।


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Content Writer

Vandana

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