दवाओं से नहीं बल्कि इन 5 योगासन से करें ब्लड प्रेशर कंट्रोल
punjabkesari.in Monday, Apr 05, 2021 - 03:13 PM (IST)
आज के समय में भारी मात्रा में लोग हाइपरटेंशन यानी ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान है। इसके पीछे का कारण गलत लाइफस्टाइल व खानपान हो सकता है। इसे कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है। नहीं तो दिल पर बुरा असर पड़ने से इससे जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा हो सकता है। वैसे तो इसे कंट्रोल करने के लिए बहुत से लोग दवाओं का सहारा लेते हैं। मगर एक्सपर्ट्स के अनुसार, रोजाना कुछ योगासन करके भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है। तो चलिए आज हम आपको 5 ऐसे योगासन बताते हैं, जिससे आप ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के साथ हैल्दी रह पाएंगे।
वज्रासन
ब्लड प्रेशर के मरीजों को यह आसन जरूर करना चाहिए। असल में, इसे करने से पेट व इससे नीचे के हिस्से यानी पेल्विक भाग में खून का संचार बेहतर होने के साथ मजबूती आती है। साथ ही पूरे शरीर में भी सही मात्रा में खून पहुंचता है। पाचन में सुधार होने के साथ मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आती है। रोजाना वज्रासन करने से दिल और दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है।
शिशुआसन या बालासन
इस आसन को बच्चे की मुद्रा में किया जाता है। इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहने के साथ दिमाग शांत रहता है। पाचन तंत्र दुरुस्त होने से पेट संबंधी समस्याओं से आराम मिलता है। मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आने से कमर,कंधे, गर्दन, पीठ, जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। साथ ही पीरियड पेन से आराम मिलता है।
पश्चिमोत्तानासन
हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को रोजाना पश्चिमोत्तानासन करना चाहिए। इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहने के साथ शरीर में सही तरह से खून का संचार होता है। वजन कम होने के साथ अनिद्रा की समस्या से छुटकारा मिलता है। खासतौर पर सिरदर्द, तनाव, चिंता दूर होकर दिमाग फ्रेश होने में मदद मिलती है। पाचन तंत्र बेहतर होने से पेट दर्द, अपच, एसिडिटी आदि परेशानियों से आराम मिलता है।
बंध कोणासन
इस आसन को करने से पेट के अंग, अंडाशय मूत्राशय और गुर्दे उत्तेजित होते हैं। दिल पर प्रभाव पड़़ने से शरीर में सही मात्रा में खून पहुंचता है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहने से दिल संबंधी बीमारियां होने का खतरा कम रहता है। इसके अलावा जांघों, कमर और घुटनों के स्ट्रेेच होने से वजन घटाने में मदद मिलती है।
सुखासन
यह आराम की मुद्रा में किए जाने वाला आसन है। इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। साथ ही शारीरिक व मानसिक विकास बेहतर तरीके से होने में मदद मिलती है।