कान और जबड़े के दर्द को ना समझें मामूली, हो सकती हैं ये 5 समस्याएं
punjabkesari.in Thursday, Nov 11, 2021 - 09:58 AM (IST)
कानों के दर्द को अक्सर लोग मामूली समझ इग्नोर कर देते हैं। मगर, कान के साथ अगर जबड़े में भी दर्द हो रहा है तो सतर्क हो जाए क्योंकि यह कई बीमारियों का संकेत हो सकता है। किसी चोट, इंफेक्शन के अलावा गठिया जैसी बीमारी के कारण भी कान और जबड़ों में दर्द हो सकता है। चलिए आपको बताते हैं कि कान और जबड़ों में दर्द क्यों होता है और इससे कैसे निपटा जाए...
इंफेक्शन के कारण
इंफेक्शन, लगातार हेडफोन का यूज, कॉटन या उंगली डालने के कारण भी कई बार कान में दर्द हो सकता है। ऐसे में खुद टोटके करने की बजाए एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए।
ऑस्टियोआर्थराइटिस
कान और जबड़ों का दर्द ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) का संकेत हो सकता है, जो एक तरह का गठिया है। यह बीमारी जोड़ों के कार्टिलेज (cartilage) में टूट-फूट के कारण होती है। इससे कान व जबड़े के ज्वाइंट्स पर असर पड़ता है, जिससे तेज दर्द के साथ जकड़न महसूस हो सकती है।
रूमेटाइड या सोरियाटिक अर्थराइटिस
रूमेटाइड या सोरियाटिक अर्थराइटिस के कारण आपके शरीर का इम्यून सिस्टम ही जोड़ों पर हमला करता है। इसे ऑटोइम्यून डिजीज भी कहा जाता है, जिससे जबड़े और कान में तेज दर्द होता है।
माइग्रेन
माइग्रेन के कारण सिर्फ सिर के आधे हिस्से में ही दर्द नहीं होता बल्कि इससे कान व जबड़े भी प्रभावित होते हैं। जब शरीर रोशनी, आवाज और गंध के प्रति संवेदनशीलता उत्पन्न करता है तो इसे जबड़े और कान में एक साथ दर्द हो सकता है।
स्वीमर्स ईयर
कई बार नहाते या स्विंमिंग करते समय कानों में पानी चला जाता है, जिससे धीरे-धीरे उनमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। इसे स्वीमर्स ईयर की परेशानी कहते हैं, जिसे लंबे समय तक नजरअंदाज करने से कान की परतें फट जाती है और दर्द हो सकता है।
दांतों की परेशानी
दांतों या मसूड़ों में बैक्टीरिया जमा होने पर कैविटी, पीरियोडोंटल बीमारी और फोड़े हो सकते हैं। इससे मुंह और उससे आगे के हिस्से को नुकसान पहुंचाता है और साथ ही असहनीय दर्द भी होता है।
कान और जबड़े में दर्द से बचाव के टिप्स
वैसे तो इस स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए लेकिन आप कुछ टिप्स फॉलो करके भी इस दर्द से राहत पा सकते हैं
. कान और जबड़ों में एक साथ दर्द होने पर सबसे पहले एक्सपर्ट से मिलें। इसके अलावा ऐसे आहारों का सेवन करें, जिन्हें चबाने में ज्यादा मेहनत ना करनी पड़ें। ज्यादा से ज्यादा नर्म आहार खाएं।
. च्युइंग गम का सेवन न करें। साथ ही ज्यादा न बोलें और धीरे-धीरे मुंह खोलें।
. दर्द होने पर भूलकर भी कान में पेन या पेंसिल जैसी नुकीली चीजें न डालें। इससे इंफेक्शन बढ़ सकता है।
. ज्यादा से ज्यादा आराम करें और गर्म या ठंडे पानी से जबड़े की सिंकाई करें।
. स्ट्रेस ना लें और नियमित ब्रश और फ्लॉस से दांतों की सफाई करें, ताकि बैक्टीरिया ना पनपे।