Supplements से ज्यादा पावरफुल है भारतीय रसोई के ये 4 हीरो, शरीर पर नहीं आने देते कोई खतरा
punjabkesari.in Monday, Nov 03, 2025 - 12:12 PM (IST)
नारी डेस्क: स्वास्थ्य के क्षेत्र में सप्लीमेंट्स लगभग आम बात हो गई है। अगर किसी को किसी भी तरह की कमी होती है, तो वे तुरंत उस समस्या के समाधान के लिए सप्लीमेंट्स की ओर रुख करते हैं। हालांकि, लोग कभी-कभी यह भूल जाते हैं कि संपूर्ण खाद्य पदार्थ हमेशा आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए, और पोषक तत्वों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स का सेवन उनके साथ ही करना चाहिए। आज हम आपको उन भारतीय सामग्रियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो रसोईघर में आसानी से मिल जाएंगी और आपकी कई स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान कर देंगी।
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कच्चा लहसुन (Raw Garlic)
कार्डियोलॉजिस्ट मानते हैं कि रोजाना 1-2 कलियां कच्चे लहसुन की कलियां कुल कोलेस्ट्रोल (total cholesterol) को 15 % तक कम कर सकती हैं। लहसुन में प्राकृतिक रूप से मौजूद यौगिकरक्तचाप (blood-pressure) को नियंत्रित करने और धमनियों की दीवार को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। जड़ी-बूटियों की तरह, यह सूजन (inflammation) को कम करने और हार्ट डिज़ीज़ के जोखिम को घटाने में योगदान दे सकता है।
कैसे शामिल करें: सुबह खाली पेट 1-2 कलिया चबाएं, या सलाद/दाल में बहुत हल्के रूप से मिश्रित करें। ध्यान दें कि अधिक मात्रा में लेने से रक्त-पतन (bleeding) का खतरा हो सकता है -अगर आप रक्त-पतन की दवाइयां ले रहे हों, तो पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
आंवला (Amla)
आंवला (भारतीय गोसबेरी) हृदय-स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना गया है क्योंकि यह अच्छ कोलेस्ट्रोल (HDL) को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रोल (LDL) को घटाने में मदद कर सकता है। यह विटामिन-C का अच्छा स्रोत है, साथ ही एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर है -जो धमनियों को नुकसान पहुंचने से बचाते हैं और हार्ट डिज़ीज़ के जोखिम को कम कर सकते हैं। भारतीय रसोई में इसे आसानी से शामिल किया जा सकता है - फल के रूप में, या पाउडर/चूर्ण के रूप में।
कैसे शामिल करें: सुबह खाली पेट एक छोटा चम्मच आंवला पाउडर लें, या आंवले का फल। नियमित उपयोग से असर दिखने में समय ले सकता है — इसे अन्य स्वस्थ आदतों (जैसे कम नमक, कम तली-भुनी चीजें) के साथ जोड़ें।
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हल्दी + काली मिर्च (Turmeric + Black Pepper)
हल्दी में मौजूद सक्रिय यौगिक “कर्कुमिन (curcumin)” सूजन कम करने में सक्षम माना गया है। चिंता, तनाव, धमनियों की सूजन - ये सब हार्ट डिज़ीज़ के जोखिम से जुड़े हैं। काली मिर्च में मौजूद “पाइपरिन (piperine)” कर्कुमिन की उपलब्धता (bio-availability) को बढ़ाता है, यानी हल्दी का असर बेहतर होता है। भारतीय कार्डियोलॉजी-आहार सुझावों में इन मसालों को विशेष स्थान मिला है।
कैसे शामिल करें: दाल, सब्जी, हल्का खिचड़ी बनाते समय ½ चम्मच हल्दी + चुटकी भर काली मिर्च मिलाएं। अगर आप रक्त-पतन (bleeding) की दवाइयाँ ले रहे हों या वहीं स्वास्थ्य समस्या हो, तो अधिक हल्दी करने से पहले डॉक्टर से बोलें।
मट डाल / दाल-चावल + प्रोटीन-युक्त तत्व (Pulses + Complete Protein)
एक कार्डियोलॉजिस्ट ने यह सुझाव दिया है कि हर मुख्य भोजन में प्रोटीन स्रोत होना चाहिए - जैसे मूंग, तूर, राजमा, चना, दही, पनीर। इससे मसल मास (muscle mass) बनी रहती है, मेटाबॉलिज़्म बेहतर होता है, और दिल को बेहतर समर्थन मिलता है।
दाल-चावल जैसा संयोजन “पूर्ण प्रोटीन (complete protein)” प्रदान कर सकता है- खासकर वेगिटेरियन लोगों में। साथ ही, फाइबर-युक्त दालें, चावल-दाल का संयोजन, साबुत अनाज आदि दिल-स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माने गए हैं।
कैसे शामिल करें: रोज़ाना एक कटोरी दाल + 1-2 रोटी / चावल (साबुत अनाज से) लें - संभव हो तो सफेद चावल की जगह ब्राउन या हाफ-हाफ करें। दाल-चावल के साथ एक कटोरी सलाद या पचने में आसान सब्जी लेना अच्छा रहेगा। पनीर/दही/सोया जैसे विकल्प बीच-बीच में लें - जिससे विविधता बनी रहे।
कुछ महत्वपूर्ण बातें जो जानना ज़रूरी हैं
प्राकृतिक खाद्य पदार्थ लेना बेहतर है बजाय यह भरोसा करने के कि एक टैबलेट से सब हो जाएगा। दिल-स्वास्थ्य के लिए सिर्फ खाद्य चयन ही पर्याप्त नहीं , नमक कम करें, तली-भुनी चीजें कम करें, साबुत अनाज बढ़ाएं, शारीरिक गतिविधि करें, तनाव कम करें, अच्छा नींद लें। बहुत अधिक घी, बार-बार इस्तेमाल किया गया तेल, अत्यधिक तली-भुनी Snacks ये लाभ को कम कर सकते हैं। अगर किसी को पहले से हार्ट-डिसीज़ है, या कोलेस्ट्रोल/ब्लड-प्रेशर की दवाई ले रहा है - तो नई डायटरी बदलाव करने से पहले अपने कार्डियोलॉजिस्ट या डायटिशियन से एक बार चर्चा कर लेना बेहतर होगा।

