keratin  और Smoothening में होता है फर्क, जानें बालों के लिए कौन सा ऑप्शन है बेहतर

punjabkesari.in Friday, Sep 27, 2024 - 03:57 PM (IST)

नारी डेस्क: इन दिनों महिलाएं हेयर ट्रीटमेंट पर काफी जोर दे रही हैं। बालों को स्ट्रेट करने के लिए केराटिन या स्मूदनिंग का  चलन भी तेजी से बढ़ रहा है,  लेकिन इसके बारे में पूरी जानकारी हर किसी को नहीं है। हेयर स्मूदनिंग और केराटिन ट्रीटमेंट दोनों बालों को मुलायम और चमकदार बनाने के लिए लोकप्रिय प्रक्रियाएं हैं, लेकिन इनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। चलिए समझते हैं इस अंतर को। 

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हेयर स्मूदनिंग (Hair Smoothening)

 हेयर स्मूदनिंग एक केमिकल प्रोसेस है, जिसमें बालों की सतह को स्मूद (मुलायम) किया जाता है। इसमें बालों को स्थायी रूप से स्ट्रेट किया नहीं जाता, बल्कि बालों की फ्रिज़ को हटाकर उन्हें स्मूद और शाइनिंग बनाया जाता है। इसमें फार्मेल्डिहाइड या थायोग्लाइकोलेट जैसे केमिकल्स का उपयोग होता है, जो बालों के क्यूटिकल्स को कमजोर करके उन्हें सीधा और चिकना बनाते हैं। इसका असर 2 से 5 महीने तक रहता है, इसके बाद बाल अपनी प्राकृतिक स्थिति में वापस आने लगते हैं।

बालों पर इसका प्रभाव:   स्मूदनिंग से बाल बेहद मुलायम और सिल्की हो जाते हैं, लेकिन बालों में स्वाभाविक लहर या हल्का घुंघरालापन आ सकता है। यह पूरी तरह से स्ट्रेट नहीं होता। यह उन लोगों के लिए अच्छा है जिनके बाल थोड़े लहराते या हल्के फ्रिज़ी हैं और उन्हें नेचुरल लुक के साथ मुलायम बाल चाहिए।

 

केराटिन ट्रीटमेंट (Keratin Treatment)

केराटिन ट्रीटमेंट एक प्रोटीन-बेस्ड प्रोसेस है, जिसमें बालों को केराटिन नामक प्रोटीन की एक लेयर से कोट किया जाता है। यह बालों को मजबूती और शाइन देता है, और बालों के टूटने को कम करता है। इसमें कम मात्रा में फार्मेल्डिहाइड हो सकता है, लेकिन यह बालों को स्ट्रेट नहीं करता, बल्कि बालों की प्राकृतिक बनावट को सुधारता है। केराटिन बालों में भरकर उसे स्मूद और फ्रिज़-फ्री बनाता है। इसका असर 3 से 6 महीने तक रह सकता है, और यह बालों की देखभाल पर निर्भर करता है।

बालों पर इसका प्रभाव: केराटिन बालों को हेल्दी और मजबूत बनाता है। बाल प्राकृतिक रूप से स्ट्रेट नहीं होते, बल्कि उनकी फ्रिज़िंग और डैमेज को कम करता है।  यह ट्रीटमेंट सभी प्रकार के बालों के लिए उपयुक्त है, खासकर जिनके बाल बहुत ज्यादा डैमेज या फ्रिज़ी हैं। यह उन लोगों के लिए बेहतर है जो बालों की हेल्थ में सुधार चाहते हैं।

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प्रोसेस

   - हेयर स्मूदनिंग में बालों को केमिकल्स के जरिए स्ट्रेट किया जाता है।
   - केराटिन ट्रीटमेंट में बालों को प्रोटीन की एक लेयर से कवर किया जाता है ताकि उन्हें मुलायम और हेल्दी बनाया जा सके।
   
लुक
 
   - स्मूदनिंग में बाल ज्यादा स्ट्रेट और चमकदार दिखते हैं।
   - केराटिन ट्रीटमेंट से बाल नैचुरल रहते हैं लेकिन अधिक मुलायम और चमकदार हो जाते हैं।


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Content Writer

vasudha

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