यहां की महिलाएं क्यों नहीं मनाती ये व्रत? (pics)

punjabkesari.in Friday, Oct 21, 2016 - 11:42 AM (IST)

जहां पूरे भारत की महिलाओं ने करवाचौथ का व्रत रखा, वहीं दूसरी तरफ एक जगह ऐसी भी है जहां की महिलाओं ने चाहते हुए भी सती श्राप के कारण इस व्रत को नहीं पाई।   

 

सैकड़ों सालों से चल रही परंपरा 

मथुरा के सुरीर क्षेत्र में सती के श्राप के कारण यहां की सैकड़ों विवाहित महिलाएं इस व्रत को नही रखती और न ही कोई साज श्रंगार करती हैं। इस परेपरा को सैकड़ों सालों माना जा रहा है। 

 

क्या है इसकी असल वजह 

सैकड़ों साल पहले जब नौहझील के गांव रामनगला का एक ब्राह्मण युवक यमुना के पार स्थित ससुराल से अपनी नवविवाहिता पत्नी को विदा करा कर सुरीर के रास्ते भैंसा बुग्गी से लौट रहा था तब रास्ते में सुरीर के कुछ लोगों ने भैंसे को अपना बता कर विवाद शुरू कर दिए थे। इसी विवाद के चलते सुरीर के लोगों के हाथों गांव रामनगला के इस युवक की हत्या हो थी। यही एक वजह कि यहां के लोग तब से इस व्रत को नहीं मनाते। 

 

सती के श्राप के बाद कई जवान लोगों की मौत

अपने सामने पति की मौत से दुखी नवविवाहिता इस मौहल्ले के लोगों को श्राप देते हुए पति के शव के साथ ही सती हो गई। इस घटना के बाद मौहल्ले पर काल बन कर सती के श्राप ने कई जवान युवकों को झीन लिया। तमाम विवाहिताएं विधवा हो गईं और मौहल्ले में मानों आफत की बरसात सी होने लगी। कहा जाता है कि सती की पूजा अर्चना करने के बाद अस्वाभाविक मौतों का सिलसिला तो कम हुआ लेकिन सुहाग सलामती के करवा चौथ व्रत पर रोक लगा दी गई। 
 


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