पहलगाम हमले में मारे गए शुभम की शादी को हुए 6 महीने, विधवा पत्नी ने लिखा दिल चीर देने वाला पोस्ट
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 11:26 AM (IST)

नारी डेस्क: शादी के बाद एक लड़की की जिंदगी पति के इर्द-गिर्द घूमती, वह अपने जीवनसाथी में ही सारी खुशियां ढूंढ लेती है। ऐशन्या द्विवेदी की जिंदगी भी कुछ ऐसी ही चल रही थी लेकिन उनका और उनके पति का साथ सिर्फ एक महीने का ही थी। ऐशन्या वहीं है जिन्होंने शादी के एक महीने बाद पहलगाम हमले में अपने पति को खो दिया था। आज अगर शुभम द्विवेदी जिंदा हाेते तो वह दोनों अपनी शादी के 6 महीने पूरे होने की खुशियां मना रहे होते।
शुभम द्विवेदी तो अब नहीं है लेकिन उनकी यादें अभी भी जिंदा है। आज शादी के 6 महीने पूरे होने पर ऐशन्या ने अपने पति के नाम दिल चीर देने वाला पोस्ट शेयर किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा- याद है तुमने मुझसे वादा किया था कि जब हमारी शादी के 6 महीने पूरे हो जाएँगे तो तुम मुझे पेरिस ले जाओगे, लेकिन मुझे लगता है नियति को कुछ और ही मंज़ूर था। आज, हमें शादी के छह महीने पूरे हो गए हैं और हमने ज़िंदगी भर एक-दूसरे से प्यार करने का वादा किया था। यकीन करना मुश्किल है कि इतना समय बीत गया है, फिर भी ऐसा लगता है जैसे कल ही की बात हो जब हमने एक-दूसरे को प्यार भरी नज़रों से देखा और वादे किए थे।
शुभम द्विवेदी की पत्नी ने आगे लिखा- ज़िंदगी की कुछ और ही योजनाएं थीं, और अब तुम मेरे साथ नहीं हो। तुम्हारी कमी मुझे बहुत खलती है, और तुम्हारे बिना हर पल एक संघर्ष है। लेकिन तुम्हारी शारीरिक अनुपस्थिति में भी, तुम्हारी यादें मेरे दिल के करीब हैं। मैं उन पलों को संजोकर रखती हूं जो हमने साथ बिताए थे, वो हंसी, रोमांच और वो सुकून भरे पल जो हमने साथ बिताए थे। तुम्हारा प्यार मेरी ताकत था, और भले ही तुम यहां नहीं हो, मुझे पता है कि वो प्यार अब भी है। मैं उन यादों को संजोकर रखती हूँ जो हमने बनाई थीं, और वो मुझे हर नए दिन का सामना करने की हिम्मत देती हैं।
ऐशन्या आगे लिखती हैं- तुम भले ही चली गई हो, लेकिन मेरे जीवन में तुम्हारी मौजूदगी हमेशा याद रहेगी और संजोकर रखी जाएगी। मैं तुमसे प्यार करता हूँ मेरी परी और मैं तुम्हें बहुत याद करती हूं शुभु, काश तुम यहां होते। कानपुर के रहने वाले शुभम द्विवेदी पहलगाम हमले में मारे गए थे, जब वे अपने परिवार के साथ घूमने गए थे। ऐसे में ऐशन्या ने सरकार से अपने पति को शहीद का दर्जा देने का अनुरोध किया है, क्योंकि वे चाहते हैं कि शुभम को भुलाया न जाए।