The Good Maharaja : बेसहारों को सहारा देने वाले इस भारतीय राजा को भगवान मानते हैं पोलैंड के लोग

punjabkesari.in Wednesday, Sep 14, 2022 - 11:07 AM (IST)

भारत इतिहास और विरासत के मामले में दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक है। इतिहास में कई राजा-महाराजाओं का जिक्र मिलता है, जिन्होंने सालों तक देश में राज किया है। आज हम आपको एक ऐसे राजा की कहानी बताने जा रहे हैं जिनका नाम ही नहीं बल्कि कद भी बहुत बड़ा था। भारत ही नहीं विदेश में भी उनका नाम चलता है। आज भी जब आप पोलैंड जाएंगे तो महाराजा के नाम पर कई सड़कें नजर आ जाएगी।


क्रिकेटर रणजीत सिंह जी के भतीजे थे जाम साहब

हम बात कर रहे हैं महाराजा जाम साहब दिग्विजयसिंह जी रणजीतसिंह जी की जो 1933 से 1984 तक तक नवानगर के महाराजा थे। भारत के मशहूर क्रिकेटर रणजीत सिंह जी के भतीजे  जाम साहब लंदन से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 1921 में ब्रिटिश सेना का हिस्सा बने थे। चाचा के निधन के बाद उन्होंने 1933 में नवानगर की गद्दी संभाली और महाराजा जाम साहब बन गए।

PunjabKesari
क्रिकेट परंपरा को रखा कायम

अपने चाचा की क्रिकेट परंपरा को कायम रखते हुए जाम साहब ने 1937-1938 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और कई प्रमुख खेल क्लबों के सदस्य रहे। उन्होंने 1933-34 सीजन के दौरान एक प्रथम श्रेणी मैच भी खेला था, जोकि भारत और सीलोन के बीच खेला गया था। इसके अलावा उन्होंने पोलैंड के लोगों के लिए जो किया वाे काबीले तारीफ था। 

PunjabKesari
पोलैंड के लोगों के लिए बने मसीहा 

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वो पोलैंड के लोगों के लिए मसीहा बनकर आगे आए थे।  हिटलर द्वारा पोलैंड पर आक्रमण किए जाने के समय वहां के सैनिकों ने अपनी महिलाओं और बच्चों को एक जहाज में बिठाकर समुद्र में छोड़ दिया था। यह जहाज जब भटकते हुए गुजरात के जामनगर के तट पर पहुंचा था, तब महाराजा दिग्विजय सिंह ने पोलिश लोगों को शरण दी थी। 

PunjabKesari
पोलैंड के बच्चों और महिलाओं का रखा ख्याल

 महाराजा ने पोलैंड के 600 से अधिक पोलिश बच्चों और महिलाओं का नौ सालों तक पूरा ख्याल रखा। भारत आये पोलिश बच्चों की परवरिश काफी अच्छे तरीके से हुई. उनकी पढाई का भी बहुत ध्यान रखा गया। उन्ही शरणार्थी बच्चों में एक बच्चा बाद में पोलैंड का प्रधानमंत्री भी बना।  1989 में जब पोलैंड रूस से अलग हुआ तो यहां के लोगों ने आभार जताने के लिए जाम साहेब के नाम पर एक चौक का नाम रखा।  

PunjabKesari

महाराजा जाम साहब के नाम पर है पोलैंड की सड़कें

आज भी पोलैंड से लोग हर साल भारत के बालाचड़ी गांव आते हैं और उस धरती को प्रणाम करते हैं, जिसने दूसरे विश्वयुद्ध में उनकी जान बचाई थी। पोलैंड की राजधानी वारसा में कई सड़कों के नाम उनके नाम महाराजा जाम साहब के नाम पर है।उनके नाम पर पोलैंड में कई योजनायें चलती हैं. हर साल पोलैंड के अखबारों में महाराजा जाम साहब दिग्विजय सिंह के बारे में आर्टिकल छपते हैं। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

vasudha

Related News

static