उत्तर बिहार के इस सूर्य मंदिर में रहती हैं छठ पूजा की धूम, खास है यहां की मान्यता

punjabkesari.in Sunday, Apr 14, 2024 - 05:21 PM (IST)

चैती छठ का 4 दिन का महापर्व शुरु हो गया है। इस दौरान भक्त भगवान सूर्य की पूजा करते हैं। बिहार, झारखंड और यूपी के कुछ हिस्सों में इस पर्व को बहुत ही धूम- धाम से मनाया जाता है। पहले अर्घ्य आज है तो ऐसे में घाट के पास तैयारियां की जा रही हैं। इस मौके पर उत्तर बिहार के सबसे बड़े सूर्य मंदिर है। यहां की पूजा बहुत खास होती है। 45 फीट लंबा ये मंदिर सारण जिले के गरखा बाजार पर गंडकी नदी के किनारे स्थित है। इसे  गड़खा सूर्य मंदिर  के नाम से जाना जाता है। यहां की मान्यता है कि जो भी यहां पर छठ पर्व करता है, उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। इसलिए यहां पर छठ पूजा के मौके पर दूर- दूर से श्रद्धालु आते हैं और पूजा करते हैं। ये अनोखा मंदिर अपनी महिमा के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है।

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2013 में हुआ था मंदिर का निर्मण

इस मंदिर का निर्माण साल 2013 में शुरू हुआ था, जिसे सुप्रसिद्ध संत श्रीधर दास जी महाराज ने बनाया था। साल 2015 में ग्रामीणों के मदद से मार्कंडेय महायज्ञ के साथ 28 मई को संत श्रीधर दास महाराज के नेतृत्व में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस छठ घाट पर पूजा के दिन इतनी ज्यादा भीड़ होती है कि पुलिस और गोताखोर भी तैनात किए जाते हैं। एक तरफ कैलाश आश्रम में विराजते भगवान महादेव और ठीक महादेव के सामने अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार सूर्य देवता श्रद्धालुओं का मन मोह लेते हैं।

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बिहार के अलावा दूसरे राज्य से भी आते हैं भक्त

आस्था के इस महापर्व में बिहार के अलावा दूसरे राज्य से भी भक्त आते हैं। बता दें छठ पूजा का महापर्व साल में 2 बार आता है। एक कार्तिक मास में तो दूसरा चैत्र मास में। जहां गर्मियों के कारण इस वाली छठ पूजा तो थोड़ा कम मनाया जाता है, वहीं इस दौरान आस्था की कोई कमी नहीं दिखती है। इस पर्व में बिहार के बाजारों में सजावट देखने को मिलती है और पर्व की भी खूब धूम रहती है। 

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Content Editor

Charanjeet Kaur

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