सावधान! कहीं आप भी प्रैग्नेंसी की डाइट में विटामिन तो नहीं ले रहे

punjabkesari.in Thursday, Mar 16, 2017 - 02:56 PM (IST)

पेरेंटिंग: औरत के लिए प्रैग्नेंसी का समय काफी खास होता है। जब कोई औरत प्रैग्नेंट होती है तो उसके खान-पान का खास ख्याल रखा जाता है ताकि होने वाला बच्चा सेहतमंद हो। गर्भवती औरत को प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और विटामिन जैसे तत्वों को अधिक से अधिक डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है।लेकिन अति हर चीज की खराब होती है वैसे ही ये मिनरल्ज और विटामिन भी सीमित मात्रा में ही लेने चाहिए। नहीं तो ये लाभ देने का जगह बच्चे को नुक्सान ही देंगें।


1. विटामिन ए
प्रैग्नेंसी में ज्यादा विटामिन ए लेना लीवर के लिए हानिकारक भी हो सकता है। विटामिन ए की अधिकता से महिला का गर्भपात तक हो सकता है। लेकिन अगर आप विटामिन ए सप्लीमेंट के तौर पर लेना चाहती हैं तो पहले डाॅक्टर से सलाह ले लें।


2.फोलिक एसिड
फोलिक एसिड की मात्रा शरीर में अधिक होने पर आपको पेट की समस्‍याएं जैसे दस्त, मतली, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, त्‍वचा रोग, व्यवहार में परिवर्तन आना आदि हो सकते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक लंबे वक्त तक अगर फोलिक एसिड की ज्यादा मात्रा ली जाए तो दिल के रोगियों को हार्ट अटैक होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।


3. विटामिन बी 6  
यदि प्रैग्नेंट औरत विटामिन बी 6 को अधिक मात्रा में ले लेती है तो शरीर में अकड़न हो सकती है। इस वजह से नवजात शिशु को भी नुकसान पहुंच सकता है। इसकी अधिकता से सूरज की रोशनी में जाने पर त्वचा पर दाग-धब्बे पड़ने लग जाते हैं।


4.विटामिन बी 12
विटामिन बी 12 की अधिकता के कारण कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। शरीर के कई भागों में खुजली होना, दिल का रोग, चक्कर आना व सिर दर्द की समस्या रहना आदि बीमारियां शरीर में विटामिन बी 12 की ज्यादा मात्रा लेने से होती हैं।


5.विटामिन सी
गुर्दे की पत्थरी होने का खतरा विटामिन सी की ज्यादा मात्रा लेने से बढ़ता है। हमारे शरीर में विटामिन सी ऑक्सालेट में परिवर्तित हो जाता है। ज्यादातर ऑक्सालेट यूरीन के ज़रिए हमारे शरीर से बाहर निकलता है। शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने से यह शरीर से नहीं निकल पाता औऱ शरीर में इकट्ठा होने लगता है। जो बाद में पथरी में बदल जाता है।


6.विटामिन डी
कैल्शियम का स्तर बढ़ने से उल्टी, मतली, भूख में कमी जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं। इसके अलावा हार्ट अटैक होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। विटामिन डी की अधिकता से कमजोरी, गुर्दे की समस्या व बार-बार पेशाब आना जैसी समस्याएं हो सकती है।


 


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