पैरों में लगातार सूजन? यह आम वजह नहीं, डॉक्टरों ने बताया इस बीमारी का शुरुआती संकेत!
punjabkesari.in Friday, Oct 03, 2025 - 10:23 AM (IST)

नारी डेस्क: लिवर हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है, जो पाचन से लेकर डिटॉक्सिफिकेशन तक कई अहम काम करता है। लेकिन आजकल बदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से फैटी लिवर डिजीज तेजी से आम हो रही है। हैरानी की बात यह है कि फैटी लिवर का एक शुरुआती संकेत अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है और वह है पैरों की सूजन या पेडल एडिमा (Pedal Edema)।
क्यों होती है पैरों में सूजन?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब लिवर में वसा (Fat) असामान्य रूप से बढ़ने लगती है तो लिवर की कार्यक्षमता धीरे-धीरे प्रभावित होती है। लिवर रक्त और द्रव को नियंत्रित नहीं कर पाता, जिससे शरीर के निचले हिस्से यानी पैरों और टखनों में तरल जमा होने लगता है। यही कारण है कि मरीज को पैरों में सूजन महसूस होती है। इसे मेडिकल भाषा में Pedal Edema कहा जाता है। शुरुआत में लोग इसे सामान्य थकान या लंबे समय तक खड़े रहने का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह लिवर को नुकसान का पहला बड़ा संकेत हो सकता है।
फैटी लिवर और उसका खतरा
फैटी लिवर को मेडिकल में हेपेटिक स्टियाटोसिस (Hepatic Steatosis) कहा जाता है। सामान्य मात्रा में लिवर में थोड़ी-सी वसा होना कोई समस्या नहीं है, लेकिन जब यह बहुत ज्यादा हो जाती है तो यह लिवर के फंक्शन को प्रभावित करने लगती है। फैटी लिवर का मुख्य कारण है मोटापा, डायबिटीज, खराब खान-पान, अधिक तेल-घी का सेवन और शारीरिक निष्क्रियता। अगर इसे समय पर नियंत्रित न किया जाए, तो यह धीरे-धीरे NASH (Non-Alcoholic Steatohepatitis), लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में बदल सकता है।
कैसे पहचानें पेडल एडिमा?
पेडल एडिमा की जांच घर पर आसानी से की जा सकती है। इसके लिए पैरों या टखनों के ऊपर वाली जगह पर उंगली से कुछ सेकेंड तक दबाव डालें। अगर दबाव हटाने के बाद वहां गड्ढा (pit) रह जाता है, तो इसे Pitting Edema कहा जाता है। यह स्थिति फैटी लिवर का शुरुआती संकेत हो सकती है और इसे नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है। याद रखें पैरों की सूजन को सिर्फ थकान या गर्मी-ठंड का असर मानकर न टालें।
क्यों है शुरुआती पहचान जरूरी?
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर फैटी लिवर की पहचान शुरुआती स्टेज पर कर ली जाए तो लिवर को बचाया जा सकता है। समय पर इलाज न केवल लिवर को खराब होने से रोकता है, बल्कि आपकी जान भी बचा सकता है। शुरुआत में ही लाइफस्टाइल बदलना, हेल्दी डाइट लेना, वजन नियंत्रित करना और एक्सरसाइज करना इस बीमारी से बचाव में मददगार हो सकता है।
पैरों की सूजन को कभी हल्के में न लें। यह फैटी लिवर डिजीज का शुरुआती और महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। समय पर जांच और सही इलाज से गंभीर बीमारियों जैसे सिरोसिस और लिवर कैंसर से बचा जा सकता है।