कभी Sundar Pichai के पास नहीं थे घर कॉल करने के पैसे, अब टेक कंपनी के CEO बन कमा रहें करोड़ों
punjabkesari.in Saturday, Jun 24, 2023 - 12:14 PM (IST)
टेक कंपनी गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को किसी पहचान की जरूरत नहीं है। दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी की कमाना संभाले हुए एक भारतीय पर देश के युवाओं को नाज है। लेकिन सुंदर का सफर आसान नहीं था। यहां तक की सुंदर के पापा के पास तो उसे अमेरिका भेजने तक के पैसे नहीं थे। ये बात सुंदर ने खुद बताई है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के लिए अमेरिका आने का फैसला आसान नहीं था। फिर भी किसी तरह उनके पिता ने उन्हें अपने सालभर की सैलरी देकर टिकट खरीदनी पड़ी। लेकिन वो कहते हैं ना की कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, ऐसा ही कुछ कर दिखाया सुंदर ने। तमाम चुनौतियों के पार करके आखिरकार वो आज एक ऐसे मुकाम पर हैं, जहां वो पहचान के मोहताज नहीं। आइए डालते हैं सुंदर के सफर पर एक नजर....
चेन्नई में बेहद गरीब परिवार में पैदा हुए थे सुंदर पिचाई
सुंदर का जन्म 12 जुलाई 1972 को चेन्नई में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने भारत से ही की। पढ़ने में बेहद होशियार सुंदर बस 2 कमरों के मकान में रहते थे। पढ़ाई करने के लिए कोई अलग कमरा नहीं था, इसलिए वो ड्राइंग रूम के फर्श पर ही अपने छोटे भाई के साथ सोते थे। घर में ना टीवी था ना ही कार। इससे सुंदर के परिवार की हैसियत का अनुमान लगाया जा सकता है। लेकिन पढ़ने की लगन में सुंदर ने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद उन्हें वारटन बिजनेस स्कूल से एमबीए किया। लेकिन अभी वो और पढ़ाना चाहते थे, जिसके लिए वो अमेरिका के स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी गए। वहां से उन्होंने मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की। लेकिन ये तो सब को ही पता है कि अमेरिका में रहने का खर्च कितना ज्यादा है। इसलिए विदेश में पढ़ते हुए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। जब वह अमेरिका आए थे तब आईएसडी कॉल का चार्ज 2 डॉलर प्रति मिनट लगता था। ज्यादा चार्ज की वजह से वह अपने घर पर बात तक नहीं कर पाते थे। लेकिन वो कहते हैं कि अपने बचपन के दिनों के संघर्ष को याद करके ही वो आगे बढ़ते रहे।
2004 में सुंदर ने ज्वाइन किया गूगल
साल 2004 में सुंदर पिचाई ने गूगल ज्वाइन किया। जहां उन्होंने गूगल टूलबार और क्रोम को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई। कुछ ही सालों में गूगल क्रॉम दुनिया का सबसे पॉप्युलर इंटरनेट ब्राउजर बन गया। 2014 में उन्हें गूगल के सभी प्रॉडक्ट्स और प्लेटफॉर्म से जुड़ी अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान उनके पास लोकप्रिय प्रॉडक्ट्स जैसे गूगल टूलबार, क्रॉम, डेस्कटॉप सर्च, गैजेट्स, गूगल पैक, गूगल गियर्स, फायरफॉक्स एक्सटेंशन आदि चार्ज रहा। फिर साल 2015 में वह वक्त आया जब उन्हें गूगल का सीईओ बनाया गया। इसके बाद जुलाई 2017 में सुंदर पिचाई अल्फाबेट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल हुए, जो कि गूगल की पैरेंट कंपनी है। पिछले 15 सालों में सुंदर पिचाई ने गूगल में काम करके कई बेहतरीन प्रॉडक्ट्स को विकसित किया।
आज सुंदर दुनिया के सबसे महंगे सीईओ हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो सुंदर की सैलरी साल 2020 में 2 मिलियन डॉलर यानी 15 करोड़ थी।आज सुंदर पिचाई का नेटवर्थ करीब 5300 करोड़ रुपये के करीब है।