Super Woman: मिलिए देश की इकलौती महिला कमांडो ट्रेनर से, मार्शल आर्ट्स में Black Belt

punjabkesari.in Friday, Oct 16, 2020 - 05:15 PM (IST)

शायद ही आज ऐसा कोई क्षेत्र हो, जिसमें महिलाओं ने अपनी पहचान ना बनाई हो। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि यह मॉडर्न जमाना महिलाओं का है और वह पुरूषों से भी आगे हैं। उन्हीं मॉडर्न महिलाओं में से एक हैं डॉ. सीमा राव। कभी ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेने वाली सीमा राव आज देश की पहली महिला कमांडो ट्रेनर के रूप में काम कर रहीं हैं। सीमा उन तमाम लोगों के लिए तगड़ा जवाब हैं, जो औरतों को कोमल और नाजुक समझते हैं।

मार्शल आर्ट्स में ब्लैक बेल्ट हैं गोल्ड मेडलिस्ट सीमा

सीमा देश की इकलौती महिला कमांडो ट्रेनर हैं, जिन्हें मार्शल आर्ट्स में 7th डिग्री का ब्लैक बेल्ट मिला है। इतना ही नहीं, वो कॉम्बैट शूटिंग इंस्ट्रक्टर, फायर फाइटर, स्कूबा डाइवर और पहाड़ों पर चढ़ाई के लिए HMI गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं।

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मुफ्त में देती हैं ट्रेनिंग

भारत में 'सुपर वुमेन' के नाम से फेमस 49 साल की सीमा 20 साल से बिना सरकारी मदद के मुफ्त में आर्मी, एयरफोर्स और नेवी समेत पैरामिलिट्री फोर्स के कमांडो को ट्रेनिंग दे रही हैं। इतना ही नहीं, इन चुनिंदा महिलाओं में से भी एक हैं, जिन्हें 'जीत कुन डो' मार्शल आर्ट आता है। बता दें कि यह 'मार्शल आर्ट' ब्रूस ली ने ईजाद किया था।

वर्ल्ड ब्यूटी पेजेंट की रह चुकी हैं फाइनलिस्ट

बता दें कि सीमा मिसेज इंडिया वर्ल्ड ब्यूटी पेजेंट की फाइनलिस्ट भी रह चुकी हैं। मुंबई में पैदा हुई सीमा ने मेडिकल की पढ़ाई और डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए किया है लेकिन वह देश के लिए कुछ करना चाहती थी। तभी उनकी मुलाकात डॉ. दीपक राव से हुई और दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद दोनों ने एक बच्ची को गोद भी लिया।

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कैसे हुई सफर की शुरूआत?

सीमा और दीपक ने पुणे सिटी पुलिस को 90 के दशक में ट्रेनिंग देना शुरू किया था। एक दिन दोनों मार्निंग वॉक कर रहे थे, जब इनकी मुलाकात पुणे पुलिस के कमान्डेंट से हुई। बातचीत के बाद दोनों को पुणे पुलिस के लिए अनआर्म्ड कॉम्बैट वर्कशॉप करने का मौका मिला, जहां से सीमा के सफर की शुरूआत हुई। फिर क्या था इसके बाद उन्हें लगातार ट्रेनिंग के असाइंमेंट मिलने लगे। ट्रेनिंग देने के साथ-साथ उन्होंने खुद को भी कई और स्किल्स में ट्रेंड करना शुरू कर दिया।

मुश्किलों का भी करना पड़ा सामना

भले ही खुद को मजबूत बनाने के लिए सीमा ने कड़ी मेहनत की हो लेकिन उन्हें कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा। सीमा बताती हैं कि ट्रेनिंग देते समय उन्हें कई बार गंभीर चोटें भी लगीं लेकिन वह हर बार उठकर खड़ी हो जाती थी। सीमा 9mm Pistol से 2 मिनट के अंदर 5 निशाने लगा सकती हैं, जोकि बेहद मुश्किल टारगेट है।

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नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित

वह बिना किसी मुआवजे के पिछले 20 सालों में 20 हजार से भी ज्यादा सिपाहियों को कमांडो ट्रेनिंग दे चुकी हैं। यही वजह है कि उन्हें पिछले महीने राष्ट्रपति ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया।

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Content Writer

Anjali Rajput

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