हथकड़ियां लगाई, पैर बांधे और खाना ऐसा कि...  US से डिपोर्ट हुई पंजाबी दादी की आपबीती सुन निकल आंएगे आंसू

punjabkesari.in Saturday, Sep 27, 2025 - 06:52 PM (IST)

नारी डेस्क:  हाल ही में अमेरिका से निर्वासित की गईं 71 वर्षीय हरजीत कौर ने बताया कि हिरासत के दौरान उन्हें हथकड़ियां लगाई गईं, पैर बांधे गए और ऐसा खाना परोसा गया जो वे शाकाहारी होने के नाते नहीं खा सकती थीं। उन्होंने कहा कि यह अनुभव बहुत कष्टदायक था और उन्होंने अमेरिका में अपने परिवार से फिर से मिलने की इच्छा जताई। हरजीत कौर ने कहा- "मैं 30 साल से अधिक समय तक अमेरिका में रही लेकिन मुझे बिना कारण बताए ही निर्वासित कर दिया गया।" 


1991 से अमेरिका में रह रही थी हरजीत कौर

हरजीत कौर ने बताया कि वह 1991 से अमेरिका में रह रही हैं, लेकिन पासपोर्ट न होने के कारण 2012 में शुरू हुई उनकी निर्वासन की कार्यवाही हाल ही में तेज हो गई। उन्होंने कहा- "मुझे 8 सितंबर को उस समय गिरफ़्तार कर लिया गया जब मैं हस्ताक्षर करने गई थी क्योंकि मेरा निर्वासन 2012 से चल रहा था।" उन्होंने आगे कहा- "मेरे पास वर्क परमिट था, मैंने बहुत सारा टैक्स चुकाया था, फिर भी मेरे साथ ऐसा किया गया।"मुझे वजह नहीं पता। मैं हर छह महीने में अपनी हाज़िरी देने जाती थी। 8 सितंबर को मुझे गिरफ़्तार कर लिया गया। मुझे कोई वजह नहीं बताई गई और मुझे मेरे परिवार से मिलने नहीं दिया गया, जबकि उनके पास मुझसे मिलने के टिकट थे,"।


वापस जाना चाहती हैं हरजीत कौर 

वर्क परमिट और दूसरे ज़रूरी दस्तावेज़ होने के बावजूद, कौर को कई दूसरी महिलाओं के साथ हिरासत में रखा गया। उन्होंने कहा-, "जब मुझे गिरफ़्तार किया गया, तो तीन लोग मेरे आस-पास थे और उन्होंने मुझे एक ठंडे कमरे में बंद कर दिया। मुझे एक ऐसे कमरे में रखा गया जो बहुत ठंडा था और मुझे ठीक से कंबल भी नहीं दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि शाकाहारी होने के नाते उन्हें जो खाना दिया गया वह उनके लिए उपयुक्त नहीं था, हालाकि भारत वापसी की उड़ान के दौरान उन्हें हथकड़ी नहीं लगाई गई थी। उन्होंने कहा- "मेरे बच्चे और नाती-पोते सभी अमेरिका में हैं। मैं वापस जाना चाहती हूं। पिछला साल बहुत मुश्किल रहा है।" 


हरजीत कौर ने डोनाल्ड ट्रंप को बताया इस सब का जिम्मेदार

उन्होंने ट्रक ड्राइवरों सहित निर्वासित लोगों के साथ सख्त व्यवहार के लिए डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली हालिया अमेरिकी नीतियों को ज़िम्मेदार ठहराया। हरजीत कौर ने कहा- "यह सब ट्रंप के सत्ता में आने के बाद हो रहा है।" कौर, जो लगभग 33 साल पहले अपने पति की मृत्यु के बाद अपने दो बेटों के साथ अमेरिका चली गईं, दो दशकों से ज़्यादा समय तक सैन फ़्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र में रहीं और बर्कले में एक साड़ी की दुकान पर काम करती रहीं, जब तक कि स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें इस साल की शुरुआत में नौकरी छोड़नी नहीं पड़ी। उन्होंने बताया कि 2012 से ही उनके खिलाफ निर्वासन की कार्यवाही चल रही थी, लेकिन उन्होंने आव्रजन अधिकारियों के साथ नियमित जांच जारी रखी तथा हर छह महीने में अपनी नियुक्तियों में शामिल होती रहीं।
 


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Content Writer

vasudha

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