दूध- दही ही नहीं सावन में इन चीजों से भी बना लें दूरी, जानें क्यों करना चाहिए परहेज

punjabkesari.in Tuesday, Jul 15, 2025 - 01:15 PM (IST)

नारी डेस्क: सावन का महीना आध्यात्मिक दृष्टि से जितना पवित्र माना जाता है, उतना ही यह स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी संवेदनशील होता है। बरसात के मौसम में वातावरण में अधिक नमी (humidity) और तापमान में बदलाव की वजह से बैक्टीरिया और कीटाणु बहुत तेजी से पनपते हैं। ऐसे में कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है, जिनमें दूध और दही प्रमुख हैं।


सावन में दूध और दही क्यों नहीं खाने चाहिए?

बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा:   दूध और दही जल्दी खराब होने वाले पदार्थ हैं। सावन में हवा में मौजूद नमी के कारण ये जल्दी खट्टे या संक्रमित हो सकते हैं, जिससेफूड पॉयजनिंग, पेट दर्द और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

पाचन तंत्र पर असर:   इस मौसम में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। दूध और दही भारी होते हैं, जिन्हें पचाना कठिन हो सकता है। इससे अपच या गैस की समस्या हो सकती है।

आयुर्वेद की मान्यता:  आयुर्वेद के अनुसार, सावन में वात और कफ दोष  बढ़ जाते हैं। दूध और दही इन दोषों को और बढ़ा सकते हैं, जिससे सर्दी, खांसी, जुकाम और एलर्जी हो सकती है।


किन चीजों से सावन में करना चाहिए परहेज?

-दही और छाछ, खासकर रात में बिल्कुल न खाएं।
-मांसाहारी भोजन,  यह पचाने में भारी होता है और संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है।
-हरी पत्तेदार सब्जियां, इनमें कीड़े लगने की आशंका रहती है।
-भारी तेलयुक्त और तली-भुनी चीज़ें, ये पाचन तंत्र पर बोझ डालती हैं।
-कटे-फटे फल लंबे समय तक ना रखें,  इन पर बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं।
-ठंडे पेय पदार्थ या आइसक्रीम, यह कफ और सर्दी बढ़ा सकते हैं।


 क्या खाएं सावन में?

- हल्की और पचने में आसान चीजें जैसे मूंग दाल, खिचड़ी, फल, सूप
- उबली या भाप में पकी सब्जियां
-तुलसी, अदरक और काली मिर्च जैसे प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर
- गर्म पानी और हर्बल चाय


सावन में खानपान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है क्योंकि यह मौसम संक्रमण का खतरा बढ़ा देता है। दूध-दही जैसे भारी और जल्दी खराब होने वाले पदार्थों से बचना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इस मौसम में हल्का, पचने में आसान और गर्म भोजन लें ताकि आप स्वस्थ और ऊर्जावान बने रहें।
 


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vasudha

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