बच्चों को खांसी हो तो कफ सिरप नहीं, अपनाएं ये 9 असरदार होमरेमेडीज
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 05:37 PM (IST)

नारी डेस्क: हाल ही में मध्यप्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी जारी की है कि छोटे बच्चों को खांसी की दवा बहुत सोच-समझकर ही दें। असल में ज़्यादातर बच्चों की खांसी और जुकाम बिना दवा के अपने आप ठीक हो जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स के लिए ज़रूरी है कि वे बच्चों की देखभाल प्राकृतिक तरीकों से करें। यहां जानिए 9 असरदार होमरेमेड उपाय, जो बच्चों की खांसी में राहत देंगे और दवा पर निर्भरता कम करेंगे।
ह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करें
सूखी हवा बच्चों की खांसी को और भी बढ़ा सकती है क्योंकि सूखी हवा गले और श्वसन मार्गों को नुकसान पहुंचाती है। कमरे में कूल-मिस्ट ह्यूमिडिफ़ायर रखने से हवा में नमी बनी रहती है, जिससे गले को आराम मिलता है और खांसी कम होती है। ह्यूमिडिफ़ायर खासकर सर्दियों या ठंडी हवा वाले मौसम में बहुत फायदेमंद होता है। यह न केवल खांसी में राहत देता है बल्कि बच्चों की त्वचा और नाक की सूखापन को भी कम करता है। ध्यान रखें कि ह्यूमिडिफ़ायर को नियमित साफ़ करें ताकि उसमें बैक्टीरिया या फफूंदी न पनपें, जो बच्चों की सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है।
गर्म पानी की भाप
गर्म पानी की भाप बच्चों को सांस लेने में मदद करती है और गले में जमा बलगम को ढीला कर खांसी को कम करती है। भाप लेने से नाक के रास्ते खुलते हैं और सांस लेना आसान होता है। सोने से पहले भाप लेना सबसे प्रभावी होता है क्योंकि इससे रात भर आराम मिलता है और खांसी से राहत मिलती है। भाप लेने के लिए बच्चे को गर्म पानी की एक कटोरी के सामने बैठाएं, लेकिन ध्यान रखें कि पानी ज्यादा गर्म न हो ताकि बच्चे को जलन न हो। भाप लेने के दौरान बच्चे को धीरे-धीरे सांस लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
सलाइन और सक्षन (Saline & Suction)
नाक बंद होने से बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होती है और खांसी बढ़ सकती है क्योंकि बलगम गले में जमा हो जाता है। बड़े बच्चों को सलाइन नेजल स्प्रे देना नाक के अंदर जमा बलगम को नरम करता है और नाक खुलती है। छोटे बच्चों के लिए सक्षन बल्ब का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे नाक में जमा बलगम को साफ किया जा सकता है। इससे बच्चे को सांस लेने में आसानी होती है और खांसी कम होती है। सलाइन और सक्षन का उपयोग डॉक्टर की सलाह से ही करें और उपकरणों को साफ-सुथरा रखें ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
शहद (1 साल से ऊपर के बच्चों के लिए)
शहद एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है जो गले को कोट करता है और जलन को कम करता है, जिससे खांसी में राहत मिलती है। 1 साल से ऊपर के बच्चों को एक चम्मच शहद देने से गले की सूजन और जलन कम होती है और खांसी का आक्रमण भी घटता है। शहद को बच्चे को सीधे देना या गुनगुने पानी या हर्बल टी में मिलाकर देना बेहतर होता है। ध्यान रखें कि 1 साल से छोटे बच्चों को शहद न दें क्योंकि इससे उनमें बोटुलिज्म का खतरा हो सकता है।
गर्म नमक पानी से गरारे (6–7 साल से ऊपर)
गर्म नमक पानी से गरारे करना गले की सूजन को कम करता है और गले में जमा बलगम को साफ करता है। आधे चम्मच नमक को गुनगुने पानी में मिलाकर बच्चे से दिन में 2-3 बार गरारे करवाएं। इससे गले की खराश और खांसी दोनों में आराम मिलता है। यह तरीका बच्चों में गले की सफाई के लिए बहुत कारगर होता है। गरारे करते समय बच्चे को पानी निगलने से बचने के लिए सही तरीका सिखाएं ताकि उन्हें असुविधा न हो।
सोते समय सिर ऊंचा रखें (2 साल से ऊपर)
जब बच्चे सोते हैं, तो उनका सिर थोड़ा ऊंचा रखने से पोस्ट-नाज़ल ड्रिप कम होती है, जो गले में जलन और खांसी का कारण बनती है। सिर ऊंचा रखने से बलगम का जमाव कम होता है और बच्चे को सांस लेने में आसानी होती है। आप अतिरिक्त तकिये का इस्तेमाल कर सकते हैं या बच्चे का बिस्तर थोड़ा ऊंचा कर सकते हैं। यह तरीका खासकर उन बच्चों के लिए उपयोगी है जिन्हें रात में खांसी की शिकायत होती है।
गर्म तरल पदार्थ पिलाएं
बच्चों को गर्म सूप, हर्बल टी (कैफीन मुक्त) या गुनगुना पानी पिलाने से गले को आराम मिलता है और बलगम आसानी से बाहर निकलता है। गर्म तरल पदार्थ गले को नरम करते हैं और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। हर्बल टी जैसे तुलसी या अदरक की चाय बच्चों को राहत दे सकती है। तरल पदार्थ बच्चों को हाइड्रेटेड रखते हैं, जिससे खांसी की समस्या जल्दी ठीक होती है। ध्यान दें कि गर्म पेय अत्यधिक गर्म न हो, जिससे बच्चे को जलन हो।
पर्याप्त नींद और आराम
खांसी और सर्दी से लड़ने के लिए बच्चों को भरपूर नींद और आराम की जरूरत होती है। अच्छी नींद से बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे वे जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं। आराम करते समय बच्चे का तनाव कम होता है और शरीर संक्रमण से बेहतर तरीके से लड़ पाता है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चे को शांत और आरामदायक वातावरण दें ताकि वे अच्छी नींद ले सकें।
बच्चों को हाइड्रेट रखें
दिन भर बच्चों को गुनगुना पानी या ताजे फलों का रस पिलाते रहें ताकि उनका शरीर हाइड्रेटेड रहे। पर्याप्त पानी पीने से गले की सूखापन कम होती है और खांसी की तीव्रता घटती है। हाइड्रेशन से शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं और बलगम पतला होता है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है। ठंडे या ज्यादा मीठे पेय से बचाएं क्योंकि वे गले को और ज्यादा परेशान कर सकते हैं।
डॉक्टर से कब दिखाएं?
अगर आपके बच्चे की खांसी 2 हफ्ते से ज्यादा बनी रहे, इसके साथ तेज बुखार हो, या बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही हो, तो तुरंत पेडियाट्रिशियन से संपर्क करें। बच्चों की खांसी में दवा देने से पहले हमेशा विशेषज्ञ से सलाह लें। ये घरेलू उपाय खांसी कम करने में मददगार हैं और बच्चों की इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं।