शुभ कार्यों में महिलाओं को नहीं फोड़ना चाहिए नारियल, जानिए क्या है मनाही की वजह
punjabkesari.in Monday, Nov 25, 2024 - 08:07 PM (IST)
नारी डेस्क: हिंदू धर्म में किसी भी पूजा में नारियल चढ़ाना बेहद जरुरी माना गया है। शादी हो या गृह प्रवेश और हवन-कथा सभी कार्यक्रम में नारियल जरूर रहता है। महिलाएं नारियल चढ़ा तो सकती हैं लेकिन फोड़ नहीं सकती। इसके पीछे धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का गहरा संबंध है। नारियल का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इसे "श्रीफल" कहा जाता है, जो शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यहां इसके पीछे के प्रमुख कारण दिए गए हैं:
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ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नारियल में त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) का वास होता है। इसे तोड़ने की क्रिया को शक्ति और अधिकार से जोड़कर देखा जाता है, और प्राचीन समय से पुरुष इसे संपन्न करते रहे हैं। नारियल को एक बीज माना गया है, जिससे जीवन उत्पन्न होता है। चूंकि महिलाएं स्वयं जीवन देने वाली होती हैं, इस मान्यता के अनुसार, उन्हें जीवन के प्रतीक को तोड़ने से वंचित रखा जाता है।
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धार्मिक और सामाजिक नियम
नारियल को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी द्वारा पृथ्वी पर वरदान स्वरूप दिया गया माना जाता है। इसे देवी लक्ष्मी का अधिकार कहा गया है, इसलिए नारियल फोड़ने की प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी कम होती है। कई कथाओं में नारियल को त्रिनेत्र (तीन आंखों) का प्रतीक माना गया है, जो शक्ति और ध्यान का प्रतीक है। यह भी एक कारण है कि इसे तोड़ने की जिम्मेदारी पारंपरिक रूप से पुरुषों को दी गई।
नाेट: हालांकि, ये सारी बातें प्राचीन मान्यताओं पर आधारित हैं, और आधुनिक समय में कई स्थानों पर महिलाओं को नारियल फोड़ने से जुड़ी इन मान्यताओं का पालन नहीं किया जाता। यह व्यक्तिगत और सांस्कृतिक विश्वासों पर निर्भर करता है।