पितृ पक्ष में पड़ रहा है बर्थडे तो सेलिब्रेट करना चाहिए या नहीं? शास्त्रों में क्या है मान्यता

punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 12:45 PM (IST)

नारी डेस्क:  पितृ पक्ष हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण काल माना जाता है। यह 15 दिनों तक चलता है और इस दौरान लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे कर्मकांड करते हैं। वर्ष 2025 में पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक रहेगा। इस दौरान मान्यता है कि पूर्वज धरती लोक पर आते हैं और अपने वंशजों से आशीर्वाद लेते हैं। इसलिए इस अवधि को शोक और श्रद्धा का समय कहा गया है।

क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष की अवधि में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह, नया घर लेना, सोने-चांदी की खरीदारी, बड़ा समारोह या उत्सव मनाना वर्जित माना जाता है। इसका कारण यह है कि यह समय उत्सव का नहीं बल्कि स्मरण और पितरों को तृप्त करने का होता है। यही वजह है कि लोग इस दौरान बड़े स्तर पर कोई जश्न या पार्टी आयोजित नहीं करते।

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जन्मदिन पर क्या है शास्त्रों की राय?

अक्सर सवाल उठता है कि अगर किसी का जन्मदिन पितृ पक्ष में पड़ जाए तो क्या उसका सेलिब्रेशन करना उचित है? इस विषय में शास्त्र स्पष्ट रूप से जन्मदिन मनाने को निषिद्ध नहीं बताते। बल्कि कई विद्वान मानते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान अगर कोई जन्मदिन आता है, तो यह शुभ संकेत है क्योंकि इस समय पितृ धरती पर उपस्थित रहते हैं और वे अपने वंशजों को हंसते-खेलते देखकर प्रसन्न होते हैं। पितृ पक्ष को लोग केवल दुख का समय मानते हैं, लेकिन वास्तव में यह पूर्वजों की कृपा और आशीर्वाद पाने का अवसर है। अगर इस समय जन्मदिन आता है तो इसे पूरी सादगी और श्रद्धा के साथ मनाया जा सकता है।

श्राद्ध में जन्मदिन कैसे मनाएं?

पितृ पक्ष के दौरान जन्मदिन मनाने का तरीका थोड़ा अलग और सादगीपूर्ण होना चाहिए। इसमें कोई बड़ा आयोजन या भव्य पार्टी न करें।

पूजा-पाठ करें: जन्मदिन की सुबह मंदिर जाकर देवी-देवताओं और अपने कुलदेवी-कुलदेवता का आशीर्वाद लें। पितरों के नाम दीप जलाएं और प्रार्थना करें।

दान-पुण्य करें: इस विशेष दिन पर जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें। इससे पुण्य मिलता है और पितरों की आत्मा भी तृप्त होती है।

सात्विक भोजन करें: जन्मदिन पर मांसाहार या नशीले पदार्थों का सेवन बिल्कुल न करें। सात्विक और शुद्ध भोजन ग्रहण करें।

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पौधारोपण करें: जन्मदिन को यादगार बनाने के लिए इस दिन पौधा लगाना भी शुभ माना जाता है। यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सकारात्मक संदेश है।

पितृ पक्ष में जन्मदिन आना किसी अशुभ का संकेत नहीं है। बल्कि यह पूर्वजों की सूक्ष्म उपस्थिति का प्रतीक है। फर्क बस इतना है कि इस दौरान जन्मदिन को सादगी और धार्मिक मर्यादा के साथ मनाया जाना चाहिए। पूजा-पाठ, दान-पुण्य और पितरों का स्मरण करके मनाया गया जन्मदिन न सिर्फ व्यक्ति को खुशियां देगा, बल्कि पितरों और देवी-देवताओं का आशीर्वाद भी दिलाएगा।
 


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Content Editor

Priya Yadav

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