सुशांत को शेखर सुमन ने दिया सम्मान, इस बार नहीं मनाएंगे अपना जन्मदिन
punjabkesari.in Sunday, Dec 06, 2020 - 10:50 AM (IST)
सुशांत सिंह राजपूत भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके फैंस और चाहने वाले आज भी उन्हें याद करते हैं। इस केस की जांच जारी है लेकिन अभी तक इस मामले की गुत्थी सुलझ नहीं पाई है। जिससे फैंस बेहद निराश हैं, वे लगातार सुशांत को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में अभिनेता शेखर सुमन ने सुशांत के सम्मान में एक फैसला लिया है। शेखर सुमन का कहना है कि इस साल वह अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे।
शेखर सुमन का जन्मदिन 7 दिसंबर को होता है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'मैं 7 तारीख को अपना जन्मदिन नहीं मना रहा हूं। मैं सुशांत के लिए कम से कम इतना तो कर ही सकता हूं। किसी भी उत्साह के लिए अभी कोई मूड नहीं है। इसके अलावा मैं प्रार्थना करूंगा कि उसके दोषियों को जल्द पकड़ा जाए और इस मामले को खत्म कर दिया जाए।'
I'm not celebrating my bday on the 7th dec.That's the least I can do for Sushant.There is no mood for any revelry or excitement.Instead I will pray that his culprits are caught soon and this case is given a closure.#StayUnited4SSR
— Shekhar Suman (@shekharsuman7) December 5, 2020
इससे पहले शेखर सुमन ने एक ट्वीट कर कहा था कि शायद इस केस में कोई चमत्कार हो जाए। उन्होंने लिखा था, 'मुझे मिलने वाले बहुत से लोग मुझसे पूछते हैं कि सुशांत के मामले में क्या हो रहा है और मैं कहता हूं काश मेरे पास इसका जवाब होता। उम्मीद करने और प्रार्थना करने के अलावा कि एक दिन चमत्कार होगा और कुछ नहीं है जो आप कर सकते हैं।'
A lot of ppl I meet keep asking me wat's happening to Sushant's case and I say, I wish I had the answer.
— Shekhar Suman (@shekharsuman7) December 2, 2020
Apart from hoping and praying that a miracle will happen one day, there is nothing else you can do.#CBIArrestSSRKillersNow
आपको बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से शेखर सुमन लगातार एक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। इससे पहले भी सीबीआई से कोई अपडेट न मिलने के कारण शेखर सुमन ने उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई थी और कहा था कि सीबीआई लंबे समय से जांच कर रही है, लेकिन उसके पास कोई निष्कर्ष नहीं है। क्या अधिकारी इस बारे में हमें कोई अपडेट देंगे। कुछ देर के सन्नाटे का मतलब यह नहीं है कि हमने हथियार डाल दिए हैं या हम भूल गए हैं।