शत्रु बाधा से हैं परेशान या हाथ में नहीं टिकता पैसा तो ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा
punjabkesari.in Sunday, Sep 28, 2025 - 05:04 PM (IST)

नारी डेस्क : शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे महा सप्तमी भी कहते हैं। वर्ष 2025 में सप्तमी पूजा सोमवार, 29 सितंबर को होगी। इस दिन देवी के सातवें रूप मां कालरात्रि की विशेष उपासना की जाती है। मान्यता है कि इस स्वरूप में मां ने असुरों का नाश किया था और इनकी पूजा से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों का विनाश होता है।
सप्तमी पूजा का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:37 – 05:25
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:47 – 12:35
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:11 – 02:58
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:09 – 06:33
मां कालरात्रि पूजा विधि
मां कालरात्रि की पूजा विधि बहुत ही सरल और प्रभावशाली है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा की तैयारी करें। पूजा स्थल पर मां कालरात्रि की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें और उसे गंगाजल से छिड़काव करें। इसके बाद मां को लाल चंदन लगाएं और चुनरी, सिंदूर, लाल-पीले फूल, फल, भोग और मिठाई अर्पित करें। पूजा के दौरान धूप-दीप जलाएं और मंत्र जाप करें। अंत में पूरे परिवार के साथ मिलकर मां की आरती करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
प्रिय भोग और रंग
भोग: मां कालरात्रि को प्रिय भोग गुड़ या गुड़ से बनी मिठाइयां हैं, जिन्हें पूजा में अर्पित करना शुभ माना जाता है।
रंग: मां का प्रिय रंग लाल है, इसलिए इस दिन आप पूजा में लाल फूल अर्पित कर सकते हैं और स्वयं लाल रंग के कपड़े पहनकर उनकी पूजा कर सकते हैं।
मां कालरात्रि के मंत्र
बीज मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः
स्तोत्र मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
अन्य मंत्र: ॐ कालरात्र्यै नमः, ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै
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मां कालरात्रि का स्वरूप
वर्ण: काला, बाल बिखरे हुए
सवारी: गधा
हाथ: चार भुजाएं : अभय मुद्रा, वर मुद्रा, लोहे का कांटा और खड्ग
विशेषता: भय दूर करने वाली, नकारात्मक शक्ति नष्ट करने वाली।
मां कालरात्रि आरती
कालरात्रि जय जय महाकाली
काल के मुंह से बचाने वाली
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा
महाचंडी तेरा अवतारा
रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना
ना कोई चिंता रहे ना बीमारी
तू भी भक्त प्रेम से कह
कालरात्रि मां तेरी जय
मां कालरात्रि की पूजा का महत्त्व
मां कालरात्रि की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि उनका स्वरूप नकारात्मक शक्तियों और बुरी ऊर्जा को नष्ट करने वाला है। माना जाता है कि मां कालरात्रि ने असुरों का वध कर धर्म की रक्षा की थी। उनकी पूजा से भय, दुर्भाग्य, संकट और बुरी शक्तियों का नाश होता है। भक्तों के जीवन में शक्ति, साहस, सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए नवरात्रि के सातवें दिन विशेष रूप से मां कालरात्रि की उपासना की जाती है।