पति के पार्थिव शरीर को कमरे में ले चलाे... आज से पहले किसी पत्नी ने नहीं दी होगी शहीद को ऐसी विदाई
punjabkesari.in Thursday, May 15, 2025 - 02:02 PM (IST)

नारी डेस्क: कोई भी विवाहित महिला नहीं चाहती की उसके जीते जी उसका सुहाग उजड़ जाए। पति की मौत एक मीहला के लिए दुनिया का सबसे बड़ा दुख है। यह ऐसा जख्म है जिसे कोई भी भर नहीं सकता। जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सीवान निवासी राम बाबू सिंह की पत्नी ने अपने पति की अंतिम विदाई में जो किया उसे देख हर कोई भावुक हो गया। आज से पहले शायद किसी और पत्नी ने अपने पति को इस तरह अंतिम विदाई नहीं दी होगी।
रामबाबू सिंह भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान बॉर्डर पर तैनात थे, जब पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चल रहा था। रामबाबू सिंह की शादी को अभी छह महीने ही हुए थे, ऐसे में जैसे ही उनके शहीद होने की खबर सामने आई तो सबका एक ही सवाल था उनकी पत्नी का क्या होगा जिसका घर अभी बसा ही था। वहीं शहीद का जब अंतिम संस्कार हाेने लगा तो सेना के जवानों ने उनकी पत्नी से उनकी आखिरी इच्छा के बारे में पूछा।
शहीद की पत्नी अंजलि ने सेना के अफसरों से कहा- 'वो चाहती हैं कि अंतिम संस्कार के लिए ले जाने से पहले रामबाबू के पार्थिव शरीर को उनके कमरे तक ले जाया जाए।' ये सुनकर सेना के जवान तुरंत पार्थिव शरीर को उनके कमरे तक ले गए। लगभग आधे घंटे तक कमरा बंद रहा और रामबाबू के परिजन अंदर रहे और बहर भारत माता के जयकारे गूंज रहे थे। इसके बाद, रामबाबू का पार्थिव शरीर बाहर लाया गया और सभी ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी।