पहली बार हरतालिका तीज रखने जा रही हैं तो जाने व्रत के नियम और विधी

punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 06:59 PM (IST)

नारी डेस्क : हरतालिका तीज एक खास पर्व है जो पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है। यह व्रत निर्जला होता है, यानी पूरे दिन बिना पानी और भोजन के उपवास रखा जाता है। साल 2025 में यह तीज 26 अगस्त को आएगी। पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए इसे सही तरीके से और नियमों का पालन करते हुए करना बहुत जरूरी होता है।

यह व्रत क्यों होता है खास?

हरतालिका तीज को विशेष इसलिए माना जाता है क्योंकि इसमें निर्जला उपवास किया जाता है। इस दिन महिलाएं जल तक ग्रहण नहीं करतीं और पूरे दिन बिना भोजन-पानी के व्रत करती हैं। यह व्रत कठिन जरूर है, लेकिन माना जाता है कि इससे स्त्री को अखंड सौभाग्य, सुख-शांति और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

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जो महिलाएं पहली बार यह व्रत रखने जा रही हैं, उनके लिए जरूरी नियम

मानसिक तैयारी करें: व्रत कठिन होता है, इसलिए खुद को मानसिक रूप से तैयार करें कि आप पूरा दिन बिना भोजन और जल के रह पाएंगी। इस लिए पहले अपने आप को समझाएं कि आप व्रत रख सकती है कि नहीं।

 व्रत का संकल्प लें: स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनकर शिव-पार्वती के सामने व्रत का संकल्प लें कि आप यह व्रत श्रद्धा और नियमपूर्वक पूरा करेंगी।

 पूजा के लिए सामग्री रखें तैयार: मिट्टी या धातु की शिव-पार्वती मूर्ति, सोलह श्रृंगार का सामान, धूप-दीप, फूल, फल, मिठाई, जल कलश, कथा पुस्तक आदि अपने पास रख लें।

पूजन विधि अपनाएं: दिन में शिव-पार्वती की मूर्ति की विधिवत पूजा करें। उन्हें हल्दी, कुमकुम, चूड़ियां, मेहंदी, बिंदी आदि अर्पित करें। फिर हरतालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें।

रात्रि जागरण करें: कई स्थानों पर महिलाएं पूरी रात भजन-कीर्तन करती हैं और शिव-पार्वती की महिमा का गुणगान करती हैं।

 पारण अगले दिन करें: व्रत का समापन (पारण) अगले दिन सुबह जल पीकर और फलाहार से किया जाता है।

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पहली बार व्रत रख रही हैं? तो ध्यान दें इन बातों पर

यदि आप पहली बार हरतालिका तीज का व्रत रख रही हैं तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। सबसे पहले, यदि आपको किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या है तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें ताकि आपका स्वास्थ्य सुरक्षित रहे। व्रत के दौरान पूरे दिन आराम करना चाहिए और अपने मन को पूजा-पाठ और ध्यान में लगाना चाहिए ताकि मानसिक शांति बनी रहे। इसके साथ ही व्रत कथा सुनना अनिवार्य होता है, क्योंकि इससे व्रत की महिमा और उसका सही महत्व समझ आता है, इसलिए इसे कभी न छोड़ें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि व्रत में किसी प्रकार का दिखावा न करें, बल्कि पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से संकल्प को निभाएं, तभी इस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

हरतालिका तीज केवल एक व्रत नहीं, बल्कि यह नारी शक्ति की आस्था, त्याग और प्रेम का प्रतीक पर्व है। जो महिलाएं पहली बार यह व्रत रखने जा रही हैं, उन्हें इसके नियमों और विधि को जानकर पूरी श्रद्धा से इसका पालन करना चाहिए। मान्यता है कि जो स्त्री सच्चे मन से यह व्रत करती है, उसे अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में सुख की प्राप्ति होती है।
 


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Content Writer

Vandana

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