पेड़ ही नहीं गूलर की जड़ भी है बेहद लाभकारी, इससे मिलेगा हर समस्या से छुटकारा
punjabkesari.in Thursday, Oct 20, 2022 - 01:08 PM (IST)
सनातन धर्म में पेड़ों को बहुत महत्व दिया गया है और उसे अच्छे तरीके से वर्णित भी किया गया है। इतना ही नहीं बल्कि सनातन धर्म में तो पेड़ों को पूजनीय माना जाता है। हिंदू धर्म में पीपल, बरगद, शमी, तुलसी आदि जैसे कई पेड़ों को पूजा जाता है। पौराणिक ग्रंथों में कहा गया है कि पेड़-पौधों में दैवीय गुण मौजूद है। इन्ही वृक्षों में से एक है गूलर वृक्ष। ज्योतिष शास्त्र में जिस तरह नवग्रह से संबंधित नौ रत्नों का वर्णन किया गया है उसी प्रकार नवग्रहों का संबंध किसी न किसी पेड़ से जुड़ा ही है। जैसे सूर्य ग्रह का संबंध बेल के पेड़ से है, शनि देव शमी के पेड़ से संबंध रखते हैं। उसी प्रकार आज हम बात करने जा रहे हैं शुक्र ग्रह के बारे में जिसका सीधा संबंध गूलर के पेड़ से है। कुंडली में अगर शुक्र ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं तो यहां बताए गए कुछ उपाय आपके लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं।
मान्यताएं हैं कि अगर गूलर के वृक्ष को नियमित रूप से जल चढ़ाया जाए तथा उसके नीचे दीपक जलाकर रख दिया जाए तो उससे कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है। साथ ही साथ धन से जुड़ी हर तरह की समस्या भी दूर हो जाती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें शुक्र ग्रह को विलास यानि सुख का ग्रह माना जाता है। इतना ही नहीं जिसकी कुंडली में शुक्र की स्थिति अच्छी रहती है, वहां ऐश्वर्य और धन की कभी कमी नहीं होती। लेकिन जिसकी भी कुंडली में शुक्र कमजोर होता है गरीबी और कंगाली छाई रहती है।
गूलर की जड़ को धारण करने के फायदे
वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए गूलर की जड़ को हाथ में बांध सकते हैं। इसके साथ ही गुप्त रोगों से मुक्ति भी मिल जाती है। ज्योतिष के अनुसार यदि प्रेम विवाह करने में अड़चनें आ रही हैं तो गूलर के पेड़ की जड़ को किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन निकालकर घर ले आएं, तत्पश्चात गंगाजल छिड़क कर उसे पवित्र कर लें। फिर मन में अपनी इच्छा का स्मरण करते हुए उस जड़ को चांदी के ताबीज में रखकर पहन लें। साथ ही साथ सुख-सुविधाओं में वृद्धि हो सकती है। जो लोग कला, मीडिया, फिल्म या फिर फैशन से जुड़े लोगों के लिए ये जड़ बेहद ही शुभ साबित होती है। इसलिए गूलर की जड़ बांधने से व्यक्ति को वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति हो सकती है।
कौन-कौन बांध सकता है गूलर की जड़
ज्योतिषों के मुताबिक वृष, मिथुन, कन्या, मकर, तुला और कुंभ लग्न में जन्मे जातक बांध सकते हैं। साथ ही वृष और तुला लग्न और राशि के व्यक्ति भी गूलर की जड़ बांध सकते हैं। क्योंकि इन राशियों पर शुक्र देव का स्वामित्व यानि राज है। साथ ही अगर जन्मकुंडली में शुक्र ग्रह सकारात्मक स्थिति में हैं तो भी इस जड़ को बांधा जा सकता है।
जड़ को बांधने की सही विधि
मान्यताओं के हिसाब से गूलर की जड़ पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में खरीदकर लानी चाहिए। इस जड़ को शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को इसे बांधने से पहले सूर्योदय के पूर्व गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए। साथ ही सफेद कपड़े में जड़ को बांधकर गले में या हाथ में धराण किया जा सकता है। और इसे धारण करते वक्त शुक्र देव के बीज मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।