संत Ravidas की जयंती पर जानें उनके अनमोल विचार, जो बनाएंगे जीवन की राह आसान

punjabkesari.in Saturday, Feb 24, 2024 - 10:44 AM (IST)

संत रविदास जी का जन्म माघ पूर्णिमा पर हुआ था। इसलिए हर साल माघ पूर्णिमा के मौक पर रविदास जी की जयंती मनाई जाती है। इस साल ये 24 फरवरी यानी आज मनाई जा रही है। संत गुरु रविदास जी उन महान संतों में से हैं, जिन्होंने समाज में फैली बुराईयों और कुरूतियों को दूर करने के लिए हमेशा जातिवाद को त्यागकर प्रेम से रहने की शिक्षा दी। रविदास जी के अनमोल विचार आज भी लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। जानें रविदास जी के विचार जो आपको जीवन में सफल  करेंगे।

'मन ही पूजा मन ही धूप मन ही सेऊं सहज स्वरुप।।'

इस दोहे में रविदास जी कहते हैं, अगर आपके मन में किसी के प्रति बैर भाव, लालच या द्वेष नहीं है तो आपका मन ही भगवान का मंदिर है। ऐसे पवित्र विचारों वाले मन में प्रभु सदैव निवास करते हैं।

PunjabKesari

' ब्राह्मण मत पूजिए जो होवे गुणहीन पूजिए चरण चंडाल के जो होने गुण प्रवीन।।'

किसी की पूजा सिर्फ इसीलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि वो किसी ऊंचे पद पर है। इसकी बजाय ऐसा व्यक्ति पूजनीय होना चाहिए जो भले ही ऊंचे पद पर न हो, लेकिन उसमें गुण हो।

'करम बंधन में बन्ध रहियो फल की ना तज्जियो आस कर्म मानुष का धर्म है सत् भाखै रविदास।।'

यहां पर रविदास जी कहते हैं कि कर्म ही हमारा धर्म है और इससे मिलने वाला हमारा सौभाग्य।

'रविदास जन्म के कारनै होत न कोउ नीच नकर कूं नीच करि डारि है ओछे करम की कीच।।'

PunjabKesari

कोई भी व्यक्ति किसी जाति में जन्म के कारण नीचा या छोटा नहीं होता है। व्यक्ति के कर्म उसे निम्न स्तर का बनाते हैं।

'जाति- जाति में जाति हैं जो केतन के पात रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।।'

जिस जाति से मनुष्य का मनुष्य से बंटवारा हो जाये को फिर जाति का क्या लाभ। ऐसे में व्यक्ति को जातपात के विचारों से दूर रहकर कर्म करना चाहिए।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Charanjeet Kaur

Related News

static