राम मंदिर पहली दिवाली के लिए तैयार, इस बार 28 लाख दीपकों से अयोध्या का कोना-कोना होगा रोशन
punjabkesari.in Monday, Oct 28, 2024 - 06:14 PM (IST)
नारी डेस्क: भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद होने वाले पहले दीपोत्सव का सभी को बेसर्बी से इंतजार है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आठवें दीपोत्सव के तहत सरयू नदी के तट पर 28 लाख दीपक प्रज्ज्वलित कर विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारियों के बीच रामलला के मंदिर में इस बार एक विशेष तरह के दीपक जलाने की योजना है।
मंदिर भवन को दाग-धब्बों और कालिख से सुरक्षित रखने के लिए विशिष्ट दीपकों की व्यवस्था की है, जो लंबे समय तक प्रकाशमान रहेंगे। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को आकर्षक फूलों से सजाने की भी विशेष योजना है। सभी प्रवेश द्वारों को तोरण से सजाया जाएगा। इससे श्रद्धालु मनोहरी फूलों और दीपों से सजे मंदिर का दिव्य दर्शन कर सकेंगे।
इस बार दीपोत्सव में पर्यावरण संरक्षण का भी खास ख्याल रखा गया है। मंदिर भवन के ढांचे को धुंए की कालिख से बचाने के लिए परिसर में विशेष मोम के दीपक जलाए जाएंगे, जिनसे कॉर्बन का कम से कम उत्सर्जन होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का प्रयास है कि इस दीपावली में अयोध्या न केवल धर्म और आस्था का केंद्र बने बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे।
इस बार दीपोत्सव की भव्यता को श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय बनाने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर को 29 अक्टूबर से एक नवंबर की रात 12 बजे तक बाहर से भवन दर्शन के लिए खुला रखने का निर्णय लिया है। इसके तहत गेट संख्या चार बी (लगेज स्कैनर प्वाइंट) से श्रद्धालु आधी रात तक मंदिर की भव्य सजावट का आनंद ले सकेंगे।
यह दीपोत्सव न केवल आस्था बल्कि पर्यावरण और सौंदर्य का संदेश भी देगा, जिससे अयोध्या की दीपावली विश्वभर में विशेष स्थान बनाएगी। अयोध्या में 80 हजार दीपों से वालंटियर द्वारा राम की पैड़ी के घाट नम्बर 10 पर प्रतीक के रूप में स्वास्तिक बना रहे हैं। यह दीपोत्सव आकर्षण का केन्द्र होने के साथ पूरे विश्व को शुभता का संदेश देगा। इसके लिए 150 से अधिक वालंटियर लगाये गए है।
छोटी दीपावली के दिन 30 अक्टूबर को 28 लाख दीयों में तेल, बाती लगाकर देर शाम प्रज्ज्वलित करने के साथ एक नया विश्व रिकाडर् कायम करेंगे। दूसरी ओर घाटों पर घाट प्रभारी व समन्वयक द्वारा समय-समय पर वालंटियर को दिशा-निर्देश प्रदान किए जा रहे है। बहुत ही सावधानी से वालंटियर गत्तों से दीए निकालकर घाटों पर बिछाने का कार्य कर रहे हैं।