'अमर रहे' के नारे के साथ राजू श्रीवास्तव को दी गई अंतिम विदाई,  ‘गजोधर भैया’ की याद में हर आंख दिखी नम!

punjabkesari.in Thursday, Sep 22, 2022 - 06:09 PM (IST)

प्रख्यात हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव का परिवार व करीबी दोस्तों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया। श्रीवास्तव के पार्थिव शरीर को पहले दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में द्वारका स्थित उनके घर पर ले जाया गया था। वहां से सफेद फूलों से सजी एक एम्बुलेंस सुबह करीब नौ बजे कश्मीरी गेट स्थित निगमबोध श्मशान घाट के लिए रवाना हुई। उसमें हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा और अशोक चक्रधर भी मौजूद थे।

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हास्य कलाकार के भाई दीपू श्रीवास्तव ने  बताया कि पूर्वाह्न करीब 11 बजे श्रीवास्तव का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे आयुष्मान ने उन्हें मुखाग्नि दी। हास्य कलाकार सुनील पाल, एहसान कुरैशी, निर्देशक मधुर भंडारकर और गायक राम शंकर सहित सैकड़ों प्रशंसक श्रीवास्तव को अंतिम विदाई देने पहुंचे। दीपू ने कहा कि राजू भाई को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके इतने सारे प्रशंसकों व सहयोगियों को यहां आते देखकर दिल को काफी तसल्ली मिली।

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अंतिम संस्कार की कुछ तस्वीरें सामने आई है, जिसमें राजू श्रीवास्तव की वाइफ शिखा श्रीवास्तव रोती- बिलखती दिखाई दे रही है।  बेटा आयुष्मान श्रीवास्तव भी किसी तरह अपने आंसू को रोक पा रहा था। हर किसी के  चेहरे पर राजू को खोने का गम साफ दिखाई दे रहा था।  

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  हास्य अभिनेता राजू श्रीवास्तव ने अपने कॅरियर की शुरुआत में अमिताभ बच्चन जैसा दिखकर प्रसिद्धि पाई, लेकिन बाद में उन्होंने एक हास्य कलाकार के रूप में खुद की अलग पहचान बनाई। हास्य अभिनय के कॅरियर से उन्होंने राजनीति की ओर रुख किया और कुछ दिन समाजवादी पार्टी में रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे।

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कानपुर के इस युवा ने अपने अलग तरह के हास्य से रंगमंच, टेलीविजन पर और सोशल मीडिया मंचों पर अपने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। उनके हास्य में आसपास की चीजों, पशुओं, समाज के विभिन्न किरदारों पर आधारित चुटकुले होते थे। कभी वह मुंबई की लोकल ट्रेन में यात्रा करने का चित्रण प्रस्तुत कर हास्य पैदा करते थे तो कभी शादी समारोह की दावत का दृश्य सामने रख लोगों को हंसने पर मजबूर करते थे।

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राजू ने कुछ फिल्मों में छोटे-छोटे किरदार भी किये। मसलन ‘तेजाब’ (1988), ‘मैंने प्यार किया’ (1989) और ‘बाजीगर’ (1993) में उन्हें देखा गया था। उन्होंने 1990 के दशक में दूरदर्शन के मशहूर शो ‘शक्तिमान’ में भी काम किया था। हालांकि 2005 में ‘द ग्रेट इंडिया लाफ्टर चैलेंज’ नामक शो से उन्हें और ज्यादा पहचान मिली। घर-घर में वह हंसी का पर्याय बन गये, मंचों की शान बन गये। वह खुद को एक आलसी ग्रामीण किरदार ‘गजोधर भैया’ के रूप में प्रस्तुत करते थे और उनके प्रशंसक उन्हें इस नाम से भी पुकारते थे।


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Content Writer

vasudha

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