''तड़प-तड़पकर मरा है मेरा बेटा, सभी दोषियों को मिले मौत की सजा...'' राजा रघुवंशी के पिता बोले
punjabkesari.in Tuesday, Jun 10, 2025 - 05:45 PM (IST)

नारी डेस्क: इंदौर के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी राजा रघुवंशी (29) की मेघालय में हुई जघन्य हत्या के बाद उनके परिवार का दर्द सामने आया है। मंगलवार को राजा के पिता अशोक रघुवंशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके बेटे के सभी हत्यारों को फांसी दी जानी चाहिए, ताकि ऐसा अपराध फिर कभी न हो। मेघालय पुलिस की जांच के अनुसार, राजा अपनी पत्नी सोनम (25) के साथ हनीमून मनाने मेघालय गए थे। लेकिन पुलिस का कहना है कि यह सफर एक भयानक साजिश का हिस्सा था। आरोप है कि सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाह (20) के साथ मिलकर राजा की हत्या की योजना बनाई थी। पुलिस के मुताबिक, भाड़े के तीन हत्यारों को बुलाया गया और राजा को मार डाला गया।
गिरफ्तारी और आत्मसमर्पण
मेघालय पुलिस ने जानकारी दी कि सोनम ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। वहीं, उसका प्रेमी राज कुशवाह और अन्य चार आरोपियों को मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के अलग-अलग जिलों से गिरफ्तार किया गया है।
राजा के पिता अशोक रघुवंशी ने अपने दर्द को शब्दों में बयां करते हुए कहा, "मेरा बेटा तड़प-तड़प कर मरा।" उन्होंने भावुक होकर कहा कि जो बेटा हनीमून मनाने गया था, वह ताबूत में लिपटकर घर वापस आया। उन्होंने बताया कि हत्या इतनी बेरहमी से की गई थी कि बेटे का शरीर क्षत-विक्षत हो गया था। चूंकि वे हृदय रोगी हैं, इसलिए परिवार ने उन्हें ताबूत खोलकर अंतिम दर्शन नहीं करने दिए।
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'मंगल दोष' के नाम पर हत्या?
राजा के पिता ने एक और चौंकाने वाला दावा किया कि उनकी बहू सोनम ने ‘मंगल दोष’ हटाने के लिए अपने पति की हत्या करवाई ताकि वह अपने प्रेमी से शादी कर सके। हालांकि, इस दावे को स्थानीय ज्योतिषी धीरज दीक्षित ने गलत बताया है। उन्होंने कहा कि किसी की मृत्यु से 'मंगल दोष' खत्म नहीं होता, यह केवल एक अंधविश्वास है।
शुरुआत में पुलिस पर उठे सवाल, अब जताया भरोसा
इस मामले की शुरुआत में राजा के परिवार ने मेघालय पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया था। लेकिन अब जब पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया है, तो उनके सुर बदल गए हैं।
राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने कहा, "हम मेघालय सरकार से माफी चाहते हैं। हमें नहीं पता था कि पुलिस छुपकर ऑपरेशन चला रही थी।" उन्होंने कहा कि परिवार की सरकार को बदनाम करने की मंशा नहीं थी, बल्कि वो तो बस न्याय चाहते थे। साथ ही उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार का भी आभार जताया, जिन्होंने कठिन समय में सहयोग दिया।