INSPIRATION: अपने दम पर राधिका ने शुरू किया मिशन FALVAN, लगाए करीब 2 लाख पौधे
punjabkesari.in Friday, Mar 08, 2019 - 07:46 PM (IST)
आज महिलाएं, पुरुषों के बराबर कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। शायद कोई ऐसा क्षेत्र रह गया हो, जिसमें महिला की हिस्सेदारी न हो। बिजनेस, नौकरी व अन्य क्षेत्रों में तो औरत अपनी अलग पहचान बना रही हैं लेकिन इसी के साथ जिंदगी को बेहतर बनाने में भी अपना योगदान दे रही हैं। बहुत सारी महिलाएं ऐसी हैं जो एनजीओ व संस्थाओं के साथ मिलकर गरीब बच्चों की पढ़ाई व रोजगार का साधन जुटा रही हैं, वहीं उन्हें इस काबिल बना रही हैं कि वे स्वयं निर्भर होकर अच्छे से जिंदगी जी सकें। वहीं, कुछ पर्यावरण को शुद्ध रखने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
शुद्ध पर्यावरण की बात करें तो इसे शुद्ध रखने में अहम भूमिका पेड़-पौधों की होती है, यह बात तो हर कोई जानता है लेकिन इन्हें बचाने के लिए बहुत कम लोग आगे आ रहे हैं जबकि आज प्रदूषण की समस्या देखते हुए इस ओर ध्यान देना हर किसी के लिए लाजमी है। बीमारी मुक्त जीवन के लिए पर्यावरण साफ-सुथरा व हरियाली होना बहुत जरूरी है। हालांकि अब इस ओर लोग सुचेत भी होने लगे हैं और अपने घरों व आस-पास पेड़ पौधे लगाने में रुचि रखने लगे हैं उन्हीं में से एक हैं राधिका आनंद जो अपनी लाइफ का एक लंबा समय इन पेड़ पौधे लगाने में गुजार चुकी हैं और आज भी इसी कार्य में लगी हैं।
बता दें कि 53 वर्षीय राधिका आनंद, पिछले 25 सालों से पेड़-पौधे लगा रही हैं। खास बात तो यह है कि वह यह पौधे खुद की बचत किए हुए पैसों से लगाती हैं और अब तक वह लगभग 2 लाख फलों के पेड़ लगा चुकी हैं, जिसमें आम (आम), इमली (इमली), आंवला (आंवला), ब्लैकबेरी (जामुन) और कटहल (कथल) शामिल हैं। अब तक उन्होंने हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में पेड़-पौधे लगाएं और आगे वह पूरे भारत में अपने मिशन का विस्तार करना चाहती हैं।
Plantology की फांऊडर-सीईओ हैं राधिका
राधिका बचपन से ही पर्यावरण से जुड़े काम करने का शौक रखती हैं। आज वह Plantology आर्गनाइजेशन की फांऊडर और सीईओ हैं जो उन्होंने अपने दम पर शुरू की।दिल्ली सरकार के सहयोग से, उन्होंने 2006 से अब तक वह लगभग 500 से अधिक वर्कशॉप आयोजित कर चुकी हैं। साथ ही उन्होंने पर्यावरण मंत्रालय व कई कॉर्पोरेट आर्गनाइजेशन के साथ मिलकर ईको सिस्टम से जुड़े अनिवार्य कदम भी उठाए।
आसान नहीं थी शुरुआत, अपने दम पर सफल किया मिशन FALVAN
वर्कशॉप से अर्जित धन को उन्होंने मिशन FALVAN प्रोजेक्ट में लगाया। मिशन FALVAN का अर्थ है फल और वन हालांकि इसकी शुरुआत आसान नहीं थी। साल 2015 में उन्होंने विभिन्न एजेंसियों में जाकर अपने विचार सांझा किए हालांकि पहले उन्हें निराशा हुई क्योंकि सभी उनके विचारों की सराहना तो कर रहे थे लेकिन मदद के लिए बहुत कम हाथ आगे बढ़ते। धन, भूमि और पानी की कमी जैसे कई मुद्दे उनके सामने आए लेकिन कहते हैं ना कि 'अगर आप कुछ करने की ठान लें तो पूरी कायनात उसे पूरा करने में आपकी मदद करती हैंं।' ऐसा ही राधिका के साथ भी हुआ। एक दिन जब वह एक ट्रेन में चंडीगढ़ की यात्रा कर रही थी, तो उसके पास एक सज्जन ( आर्मी ऑफिसर) बैठे थे। राधिका ने उन से अपने विचार सांझा किए। इस मिशन को पूरा करने के लिए राधिका को सज्जन का सहयोग मिला। राधिका का पर्यावरण से जुड़े निःस्वार्थ प्रेम व काबिल-ए-तारीफ कार्य अन्य लोगों को भी प्रेरित करता हैं। पर्यावरण को साफ-सुथरा और हरियाली युक्त रखने के लिए हर किसी को राधिका का सपोर्ट करने की जरूरत है।