आशा झा की प्रेरणादायक कहानी: कभी घर-घर बेचे कपड़े, आज दे रहीं रोजगार

punjabkesari.in Saturday, Nov 23, 2024 - 12:28 PM (IST)

नारी डेस्क: दरभंगा, बिहार की रहने वाली 56 वर्षीय आशा झा ने कभी डॉक्टर बनने का सपना देखा था, लेकिन जीवन की कठिनाइयों ने उनकी राह बदल दी। आज वह अपनी मधुबनी पेंटिंग के जरिए देशभर में पहचानी जाती हैं। आशा झा ने कपड़ों पर मधुबनी पेंटिंग का अनोखा प्रयोग कर न केवल अपनी पहचान बनाई बल्कि 250 महिलाओं को रोजगार भी दिया। उनके बनाए कूशन, साड़ियां, और ड्रेसेज को लोग खूब पसंद कर रहे हैं। इस कला के लिए उन्हें 2013 में राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

शुरुआत- एग्जीबिशन से मिली पहचान

आशा झा बताती हैं कि उन्होंने 25 साल पहले इस काम की शुरुआत की थी। पटना में आयोजित एक एग्जीबिशन ने उनके काम को एक नई दिशा दी। वहां उनके मधुबनी पेंटिंग से सजे हुए उत्पादों को बहुत सराहा गया। इस सफलता ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। आज तक वह 2000 से अधिक महिलाओं को इस कला का प्रशिक्षण दे चुकी हैं।

PunjabKesari

आर्थिक तंगी से संघर्ष तक का सफर

आशा का जीवन संघर्षों से भरा रहा। आर्थिक तंगी के कारण उन्हें कई घरों में काम मांगने जाना पड़ा। लेकिन उनकी बेटियों ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें मधुबनी पेंटिंग को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया। बेटियों की प्रेरणा से उन्होंने कपड़ों पर मधुबनी पेंटिंग बनाना शुरू किया।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Madhubani Paints By Asha Jha (@madhubanipaints)

छोटे कदम से बड़ा मुकाम

शुरुआत में, आशा ने कुछ पैसों से कपड़े खरीदे और उन पर मधुबनी आर्ट बनाकर घर-घर जाकर बेचने लगीं। उनकी मेहनत और कला को लोगों ने सराहा, और धीरे-धीरे उनका काम बढ़ता गया। आज उनके पास अपना एक बड़ा कारखाना है, जहां कई महिलाएं काम करती हैं।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Madhubani Paints By Asha Jha (@madhubanipaints)

 

महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर

आशा झा ने न केवल अपनी कला को बढ़ावा दिया, बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाया। अब तक वह 2000 से ज्यादा महिलाओं को मधुबनी पेंटिंग का प्रशिक्षण दे चुकी हैं, जिनमें से 250 महिलाएं उनके कारखाने में काम कर रही हैं।

प्रेरणा की मिसाल

आशा झा की यह कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो जीवन में संघर्षों से हार मान लेते हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और कला के बलबूते पर न केवल अपना जीवन संवारा बल्कि कई महिलाओं को रोजगार देकर एक नई दिशा भी दी। आशा झा का यह सफर हमें सिखाता है कि अगर हौसला हो तो मुश्किल से मुश्किल राह भी आसान हो सकती है।

 

 


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Priya Yadav

Related News

static