"मैंने कहा था पुलकित आर्य पर नजर रखो.. अंकिता भंडारी के हत्यारे के पूर्व प्रिंसिपल ने खोला राज़
punjabkesari.in Friday, May 30, 2025 - 05:24 PM (IST)

नारी डेस्क: 18 सितंबर 2022 वो तारीख जिसे कोई नहीं भूल सकता। उत्तराखंड की एक 19 साल की होनहार लड़की जिसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए गांव से बाहर कदम रखा था, उसे बेरहमी से मार दिया गया। उसका नाम था अंकिता भंडारी। अंकिता अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी। भले ही उसका नाम अंकिता था लेकिन उसके पापा उसे प्यार से "साक्षी" कहकर बुलाते थे। उन्हें लगता था कि उनकी बेटी ही उनकी सारी खुशियों की साक्षी है। एक बेटा पहले से था लेकिन जब बेटी हुई तो पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। वक्त गुज़रा और वो नन्ही सी बच्ची इतनी बड़ी हो गई कि अब उसके कदम अपने सपनों की उड़ान भरने को तैयार थे।
पढ़ाई और सपना: गांव से देहरादून तक
अंकिता पौड़ी गढ़वाल जिले के छोटे से गांव डोभ श्रीकोट की रहने वाली थी। वह पढ़ाई में तेज़ थी और कुछ बड़ा करना चाहती थी। गांव में सुविधाएं कम थीं इसलिए उसने बाहर जाकर पढ़ाई का फैसला किया। 12वीं की परीक्षा में 89% अंक लाने के बाद उसने देहरादून में होटल मैनेजमेंट का कोर्स जॉइन किया। वो अपने रिश्तेदार के घर पर रह रही थी लेकिन आर्थिक परेशानियों के कारण उसे पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी।
वनंत्रा रिसॉर्ट में नौकरी और आखिरी मुलाकात
पढ़ाई छोड़ने के बाद अंकिता को ऋषिकेश के वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिली। 28 अगस्त 2022 को उसके पिता उसे ऋषिकेश छोड़कर आए। यही वह दिन था जब उन्होंने अपनी बेटी को आखिरी बार ज़िंदा देखा।
21 दिन बाद मिली मौत की खबर
21 दिन बाद खबर आई कि अंकिता अब इस दुनिया में नहीं रही। जांच में पता चला कि रिसॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य अंकिता पर अपने ग्राहकों को "स्पेशल सर्विस" देने का दबाव बना रहा था। जब अंकिता ने विरोध किया तो पुलकित ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।
अंकिता की मौत ने पूरे देश को हिला दिया। उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक लोग न्याय की मांग करने लगे। सोशल मीडिया पर #JusticeForAnkita ट्रेंड करने लगा। लगभग 32 महीने तक कोर्ट में सुनवाई चली। 30 मई 2025 को कोर्ट ने तीनों दोषियों पुलकित आर्य (रिसॉर्ट मालिक), सौरभ भास्कर (मैनेजर), अंकित गुप्ता (असिस्टेंट मैनेजर) को उम्रकैद की सज़ा सुनाई। पुलकित आर्य मूल रूप से रुड़की के इमलीखेड़ा गांव का रहने वाला है। उसका परिवार राजनीति से जुड़ा है। उसके पिता विनोद आर्य को राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ था।
ये भी पढ़े: मां की लापरवाही ने कर दिया पेट में ही शिशु का ये हाल, डिलीवरी हुई तो बच्चे को देख डर गए परिवार वाले
कॉलेज में भी रहा विवादों में
पढ़ाई के दौरान भी पुलकित शांत स्वभाव का नहीं था। उसने हिमालय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में डिप्लोमा कोर्स के लिए एडमिशन लिया था। कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि उसके खिलाफ कई शिकायतें मिलती थीं। वह दूसरे छात्रों से झगड़े करता था और खुद को वीआईपी समझता था। 2009 में उसने UPMT में टॉप किया लेकिन एक बैचमेट ने बताया कि वो कॉलेज मुश्किल से ही आता था। जब 2011 में उसने कॉलेज में दाखिला लेने की कोशिश की तो उसके सर्टिफिकेट और फॉर्म पर लगी तस्वीरें मेल नहीं खाईं। इसलिए उसे काउंसलिंग से बाहर कर दिया गया। दो साल बाद फिर से उसे एडमिशन मिल गया।
रिसॉर्ट में "स्पेशल सर्विस" की आड़ में शोषण
पुलकित आर्य पौड़ी के यमकेश्वर इलाके में "वनंत्रा रिसॉर्ट" चलाता था। अंकिता वहां रिसेप्शनिस्ट थी और उसे नौकरी शुरू किए एक महीना भी नहीं हुआ था रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलकित रिसॉर्ट में आने वाले वीआईपी ग्राहकों को खुश करने के लिए लड़कियों से गलत काम करवाना चाहता था। अंकिता ने जब इसका विरोध किया, तो उसकी जान ले ली गई।
18 सितंबर की रात: आखिरी सफर
18 सितंबर 2022 की शाम, पुलकित, सौरभ और अंकित, अंकिता को अपने साथ ऋषिकेश लेकर गए। वापसी में उन्होंने गाड़ी चीला रोड के पास एक नहर के किनारे रोकी और शराब पीने लगे। जब अंकिता ने रिसॉर्ट में चल रही अवैध गतिविधियों का विरोध किया तो तीनों ने गुस्से में आकर अंकिता को नहर में धक्का दे दिया।
अदालत का फैसला
22 सितंबर को अंकिता की लाश मिली और 23 सितंबर को पुलकित को गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना), 354A (यौन उत्पीड़न) और अनैतिक व्यापार अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ। बाद में गैंगस्टर एक्ट भी जोड़ा गया। 30 मई 2025 को कोर्ट ने तीनों को उम्रकैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई।