प्रोटीन पाउडर में गलती से भी न मिलाएं ये चीजें, वरना नुकसान हो सकता है भारी!
punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 04:24 PM (IST)
नारी डेस्क: हम सभी जानते हैं कि प्रोटीन (Protein) हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है। यह न सिर्फ मसल्स बनाने में मदद करता है, बल्कि वजन घटाने, इम्यूनिटी बढ़ाने और ऊर्जा बनाए रखने के लिए भी जरूरी है। हालांकि, हर किसी की डाइट से उतना प्रोटीन नहीं मिल पाता जितनी जरूरत होती है। इसलिए लोग प्रोटीन पाउडर (Protein Powder) लेना शुरू कर देते हैं। लेकिन ध्यान दें हर प्रोटीन पाउडर सुरक्षित नहीं होता। कुछ पाउडर में ऐसे तत्व मिले होते हैं जो सेहत को फायदा नहीं बल्कि नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं, प्रोटीन पाउडर में किन चीजों को गलती से भी नहीं मिलाना चाहिए
जहरीले मेटल्स से सावधान रहें
कई सस्ते या लोकल ब्रांड्स के प्रोटीन पाउडर में लेड (Lead), कैडमियम (Cadmium), मरकरी (Mercury) और आर्सेनिक (Arsenic) जैसे हानिकारक मेटल्स पाए गए हैं। ये मेटल्स शरीर में धीरे-धीरे जमा होते हैं और किडनी फेलियर, नर्वस सिस्टम डैमेज और यहां तक कि कैंसर का कारण बन सकते हैं।हमेशा थर्ड पार्टी टेस्टेड और सर्टिफाइड ब्रांड का ही प्रोटीन पाउडर खरीदें।

आर्टिफिशियल स्वीटनर से दूरी बनाएं
कुछ ब्रांड स्वाद बढ़ाने के लिए सुक्रालोज (Sucralose) या एस्पार्टेम (Aspartame) जैसे आर्टिफिशियल स्वीटनर मिलाते हैं। ये शुगर के विकल्प तो होते हैं, लेकिन मेटाबॉलिज्म को गड़बड़ कर देते हैं और भूख नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। बेहतर है कि आप स्टीविया (Stevia) या मोंक फ्रूट (Monk Fruit) जैसे नेचुरल स्वीटनर वाले पाउडर चुनें।
फिलर्स और गाढ़ापन बढ़ाने वाले तत्व न लें
कई प्रोटीन पाउडर को गाढ़ा या स्मूथ बनाने के लिए उनमें माल्टोडेक्सट्रिन (Maltodextrin), कैरेजीनन (Carrageenan) या जैंथन गम (Xanthan Gum) जैसे फिलर्स डाले जाते हैं। ये एडिटिव्स पेट में गैस, फुलावट, या एलर्जी जैसी परेशानियां पैदा कर सकते हैं। याद रखें, जितनी छोटी इंग्रेडिएंट लिस्ट, उतना बेहतर प्रोटीन पाउडर।
हाइड्रोजनेटेड ऑयल्स से बचें
कुछ कंपनियां स्वाद या शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए हाइड्रोजनेटेड ऑयल (Hydrogenated Oil) मिलाती हैं। यह ऑयल शरीर में सूजन (Inflammation) बढ़ाता है और दिल की बीमारियों का खतरा पैदा करता है। लेबल हमेशा पढ़ें अगर “Hydrogenated Oil” लिखा है, तो उसे खरीदने से बचें।

लंबी इंग्रेडिएंट लिस्ट से रहें सावधान
अच्छे प्रोटीन पाउडर की पहचान उसकी सिंपल और क्लियर इंग्रेडिएंट लिस्ट होती है। अगर लिस्ट बहुत लंबी है और नाम जटिल लगते हैं, तो समझ लें उसमें कई केमिकल एडिटिव्स शामिल हैं। हमेशा ऐसा प्रोटीन चुनें जिसमें 4–5 ही नैचुरल इंग्रेडिएंट्स हों, जैसे व्हे प्रोटीन, कोको पाउडर, नैचुरल स्वीटनर आदि।
बिना जांचे ब्रांड न खरीदें
मार्केट में बहुत से प्रोटीन पाउडर बिना किसी जांच या सर्टिफिकेशन के बेचे जाते हैं। हमेशा वही ब्रांड चुनें जो थर्ड पार्टी लैब टेस्टेड हो और अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करे। इससे आपको उसकी क्वालिटी और सुरक्षा पर भरोसा रहेगा और नकली उत्पादों से बचाव होगा।
अपनी जरूरत के हिसाब से प्रोटीन चुनें
अगर आप दूध नहीं पीते या लैक्टोज इंटॉलरेंट हैं तो प्लांट-बेस्ड प्रोटीन जैसे मटर (Pea), चावल (Rice) या हेम्प (Hemp) प्रोटीन लें। वहीं, अगर आप व्हे प्रोटीन लेते हैं तो ध्यान रखें कि यह तेजी से डाइजेस्ट होता है लेकिन हर किसी के लिए सही नहीं होता। हर सर्विंग में 20–25 ग्राम प्रोटीन पर्याप्त माना जाता है।
सिंपल फॉर्मूला ही बेस्ट है
सही प्रोटीन पाउडर वही है जिसमें न के बराबर केमिकल्स, कोई ट्रांस फैट नहीं और क्लीन इंग्रेडिएंट्स हों। ऐसा पाउडर न सिर्फ मसल्स बनाने में मदद करता है बल्कि शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। याद रखें — जितना नेचुरल, उतना हेल्दी।

हर बार खरीदने से पहले उसका लेबल पढ़ें, सर्टिफिकेट चेक करें, और अगर शक हो तो डायटीशियन या फिटनेस एक्सपर्ट से सलाह लें।

