चंद्र ग्रहण 2020: गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का खास ख्याल
punjabkesari.in Thursday, Jun 04, 2020 - 02:23 PM (IST)
साल 2020 का दूसरा बड़ा चंद्रग्रहण 5 जून को लगने जा रहा है। हिंदी पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि 5 जून को है। इस दिन मध्य रात्रि में 11 बजकर 16 मिनट से ग्रहण का आरंभ होगा। वहीं रात 2 बजकर 34 मिनट पर यह ग्रहण समाप्त हो जाएगा। चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक लग जाता है, जिसमें कई काम करने के लिए मना किया जाता है। वहीं गर्भवती महिलाओं को इस दौरान खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। आइए जानते हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं रखें इस बातों का ध्यान...
बाहर न जाएं
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें। इससे जच्चे और बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। ग्रहण के समय गर्भवती को पूरा आराम करना चाहिए।
भगवान का जप करें
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान भगवान का ध्यान करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में मंत्र जप करना चाहिए।
गंगा जल का छिड़काव
ग्रहण खत्म होने के बाद घर में गंगा जल का छिड़काव जरूर करें। इससे घर की नकारात्मकता दूर हो जाएगी।
ग्रहण के बाद करें स्नान
जब ग्रहण खत्म हो जाए तो उसके बाद एक बार जरूर नहाएं। इससे ग्रहण के दौरान निकली हुई दूषित तिरंगों का असर आप पर नहीं होगा।
कुछ भी खाने से करें परहेज
ग्रहण से पहले खाना खा लीजिए। ग्रहण की अवधि के दौरान कुछ भी न खाएं। दरअसल, ग्रहण के दौरान जो तिरंगे निकलती है वह खाने को अशुद्ध कर देती हैं। दूषित खाने से बच्चे और मां दोनों को नुकसान होता है।
नुकीली चीजें
ग्रहण लगने के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं को किसी भी नुकीली चीज जैसे चाकु, सूई और पैन आदि इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
नारियल रखें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपने पास 1 नारियल रखना चाहिए। इससे नेगेटिव एनर्जी आस-पास नहीं आती।
नुकीली चीजों का यूज ना करें
इस दौरान किसी भी तरह की पैनी या नुकीली चीज, सुई, पैन, ब्लेड, कैंची आदि का इस्तेमाल ना करें।
नंगी आंखों से ना देखें ग्रहण
गर्भवती महिला को ग्रहण को नंगी आंखों से बिल्कुल नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने से होने वाला बच्चा जन्म से ही कमजोर आंखों वाली रोशनी के साथ जन्म लेगा। नंगी आंखों से ग्रहण को देखना बहुत अशुभ माना जाता है। इसका सीधा असर बच्चे के मनोबल पर पड़ता है।