बेवक्त हुआ पूनम पांडेय का निधन, 32 साल की उम्र में Cervical Cancer ने ली जान, जानिए बीमारी के लक्षण और बचाव
punjabkesari.in Friday, Feb 02, 2024 - 02:47 PM (IST)
मनोरंजन जगत से एक बहुत ही बुरी खबर आ रही है, जिसने सब को हैरान कर के रख दिया है। मॉडल और एक्ट्रेस पूनम पांडे का सर्वाइकल कैंसर से निधन हो गया है। 32 साल की उम्र में एक्ट्रेस ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। ये खबर जहां काफी चौंकाने वाली है, वहीं सर्वाइकल कैंसर वजह हैरान नहीं करता क्योंकि आज भारत में हर 10 में से एक महिला सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित है, पर अफसाेस महिलांए इसे लेकर जागरूक नहीं हैं।
क्या होता है सर्वाइकल कैंसर?
सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ( यूट्रेस) के सबसे नीचे के भाग का घातक ट्यूमर होता है, जो गर्भशय के निचले भाग से शुरु होकर ऊपर योनी तक जुड़ता है, जिसे गर्भाशय ग्रीवा भी कहते हैं। सर्वाइकल कैंसर पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण के कारण होता है।
भारत की महिलाओं में सबसे ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के मामले पाए जाए हैं और सर्विक्स या गर्भाशयग्रीवा में होने वाला ये सर्वाइकल कैंसर दूसरे स्थान पर है। इस बीमारी की गंभीरता को ही देखते हुए मोदी सरकार ने कल बजट के ऐलान में सर्वाइकल कैंसर के रोकथाम के लिए बड़ा कदम उठाया है।
सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए मोदी सरकार का बड़ा कदम
निर्मला सीतारमण ने संसद में ऐलान किया कि सरकार ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9 से 14 साल की लड़कियों को फ्री में टीकाकरण करेंगे । अस्पतालों में एचपीवी वैक्सीन को उपल्बध कराएगी जाएगी। इस वैक्सीन से सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों में रोकथाम होगी। इसके अलावा आपको सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों को लेकर जागरुक रहना भी बहुत जरूरी है।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और संकेत
इस बीमारी को शुरुआती अवस्था में बिना किसी लक्षण के पता नहीं चलता। इसके प्राइमरी लक्षणों को विकसित होने में साल भी लग सकते हैं। कैंसर के सामान्य संकेत और लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं।
-शारीरिक संबंध बनाने के बाद भी ब्लीडिंग योनी संभोत के बाद भी योनी से खून बहते रहना
-मासिक धर्म या फिर मेनोपोज के बाद ब्लीडिंग के बीच में अनियमित तरह से या फिर अचानक से रक्तस्त्राव होना
- दुर्गंधयुक्त योनी स्त्राव या फिर संभोग के दौरान दर्द होना
- पेशाब करते समय दर्द होना
-दस्त
-मलाशय से ब्लीडिंग होना
- थकान
सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचाव करें?
सर्वाइकल कैंसर के संकेत और लक्षणों के बारे में जागरुकर होकर आप इस खतरनाक कैंसर से बच सकते हैं। पैप स्मीयर, स्क्रीनिंग और मोलेक्यूलर टेस्टों के जरिए इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। जिससे मोबिलिटी और मृत्यु दर को कम करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा 9 से 14 साल की बच्चियों को HPV वैक्सीन लगवाने से भी सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है।